Dehradun News: लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस अपने सभी नेताओं को एकजुट करने में लगी हुई है. कांग्रेस उत्तराखंड की पांचो लोकसभा सीट जीतने के लिए करो या मरो की स्थिति में है. मौजूदा समय में पांच लोकसभा और तीन राज्यसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. नैनीताल लोकसभा सीट से इस बार कांग्रेस यशपाल आर्य को अपना उम्मीदवार बना सकती है, इसको लेकर खुद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने अपनी दावेदारी पेश करते हुए कहा है कि अगर पार्टी उन्हें मौका देती है तो नैनीताल लोकसभा सीट से इस बार कांग्रेस को जीत हासिल करने में वह कोई भी कसर नहीं छोड़ेंगे.


वहीं हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस के दो उम्मीदवार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं पहले तो है, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं, वे हरिद्वार से सांसद भी रह चुके हैं. वहीं दूसरी ओर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी अपनी दावेदारी हरिद्वार से पेश कर चुके हैं. उनका कहना है कि पार्टी अगर उन्होंने मौका देती है तो वह पार्टी को हर हाल में हरिद्वार से जीत दिलाने की कोशिश करेंगे. अब देखना यह होगा कि इन दोनों के बीच की तकरार कांग्रेस कैसे खत्म कर पाती है.


पौड़ी सीट पर मनीष खंडूरी दावेदार
वहीं पौड़ी से कांग्रेस एक बार फिर से मनीष खंडूरी पर अपना भरोसा जाता सकती है, इससे पहले भी मनीष खंडूरी पौड़ी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके है. 2019 में पौड़ी लोकसभा सीट से मनीष खंडूरी ने चुनाव लड़ा था और एक बार फिर से पौड़ी लोकसभा सीट से मनीष खंडूरी चुनाव लड़ सकते हैं.


वहीं टिहरी लोकसाभा सिर से कांग्रेस एक बार फिर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर दांव लगा सकती है. प्रीतम सिंह मौजूदा समय में चकराता से कांग्रेस विधायक है, पिछली बार उन्होंने 2019 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लडा था. अल्मोड़ा आरक्षित लोकसभा सीट है यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में प्रदीप टम्टा चुनाव लड़ते रहे है, पिछली दो बार से उनको हार का सामना करना पड़ा है. लेकिन इस बार भी कांग्रेस उनपर अपना दाव खेलेगी प्रदीप टम्टा राज्यसभा सांसद में रह चुके हैं.


नैनीताल लोकसभा सीट पर कांग्रेस इस बार अपने सबसे मजबूत प्रत्याशी शीशपाल आर्य को उतार सकती है. यशपाल आर्य की पकड़ नैनीताल जिले में सबसे मजबूत मानी जाती है, इससे पहले 2019 में नैनीताल लोकसभा सीट से हरीश रावत ने चुनाव लड़ा था और अजय भट्ट ने उन्हें कड़ी शिखास्त दी थी. इस बार कांग्रेस किसी भी हाल में नैनीताल लोकसभा सीट को अपने कब्जे में लेना चाहेगी. इसको लेकर अपने सबसे मजबूत प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को चुनावी मैदान में उतर सकती है.


कांग्रेस के लिए करो या मरो स्थिति?
उत्तराखंड में पिछले दो परिणामों पर नजर डालें तो वे कांग्रेस के फेवर में नहीं रहे हैं. कांग्रेस एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई थी. वहीं राज्यसभा में भी कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है. कांग्रेस जीत के साथ अपना खाता खोलना चाहेगी. क्योंकि, 2027 में विधानसभा चुनाव अगर जीतना है, तो 2024 में लोकसभा चुनाव में अच्छा करके दिखाना होगा. लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद कांग्रेस को पंचायत चुनाव और निकाय चुनाव भी लड़ने हैं, इसलिए लोकसभा चुनाव उनके लिए करो या मरो की स्थिति में सामने खड़ा है.


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