UP Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस का गठबंधन फाइनल हो गया है. इसी बीच उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस ने अपने साथ कई छोटे दलों को लेने की कवायद तेज कर दी है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती के खासमखास रहे और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा से अखिलेश यादव की बातचीत फाइनल स्टेज में पहुंच गई है. विधानसभा सत्र के दौरान सीट बंटवारे पर चर्चा हुई थी और अखिलेश यादव और बाबू सिंह कुशवाहा की मुलाकात हुई थी. वहीं कानपुर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के स्वागत में भी बाबू सिंह कुशवाहा की पार्टी के लोग शामिल हुए थे.


बता दें कि इससे पहले यूपी में हुए साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के बीच गठबंधन हुआ था. हालांकि इस चुनाव में इन दोनों नेताओं को सफलता नहीं मिली थी. बाबू सिंह कुशवाहा बहुजन समाज पार्टी का बड़ा चेहरा रहे हैं. पूर्व मंत्री बाबू सिंह की कुशवाहा की पिछड़े वर्ग के वोटर में अच्छी पकड़ मानी जाती है. 


2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन


बता दें कि बसपा सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा अपनी पार्टी की अलग पहचान के लिए जुटे हुए हैं. हालांकि उन्हें अभी तक कामयाबी नहीं मिल पाई है. बाबू सिंह कुशवाहा ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था और इस गठबंधन में उन्हें सात सीटें दी गईं थीं. इस चुनाव में उनकी पत्नी और भाई भी चुनावी मैदान में थे, हालांकि वो दोनों ही हार गए थे. अब देखना ये है कि बाबू सिंह कुशवाहा अगर अखिलेश के साथ जाते हैं तो उन्हें समाजवादी पार्टी कितनी सीट देंगी. 


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