Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया है. कानपुर लोकसभा सीट पर चौथे चरण में वोटिंग होनी है लेकिन इस सीट पर बीजेपी के बीच छिड़ा घमासान कम होने को नाम नहीं ले रहे हैं. कानपुर सीट पर बीजेपी ने नए चेहरे रमेश अवस्थी  पर दांव लगाया है लेकिन, इस नाम को लेकर कार्यकर्ताओं के बीच नाराज़गी दिख रही है. 


टिकट मिलने के बाद से ही बीजेपी प्रत्याशी रमेश अवस्थी लगातार सुर्खियों में बने है. ये नाम बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच नया है. जिसके बाद उनके चयन को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इसे लेकर अब कानपुर से बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय प्रवक्ता वीएचपी, पूर्व राष्ट्रीय संयोजक बजरंग दल के पद पर आसीन रह चुके दिग्गज नेता प्रकाश शर्मा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है और कानपुर से प्रत्याशी के चयन पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि 400 पार के संकल्प का पूरा होना मुश्किल है. 


कौन है प्रकाश शर्मा? 
प्रकाश शर्मा का नाम कानपुर के दिग्गज नेताओं में शुमार है. वो अब तक बीजेपी, वीएचपी और बजरंग दल जैसे कई बड़े सगठन में बड़े पदों पर आसीन रह चुके हैं. शहर की राजनीति के साथ साथ प्रदेश की राजनीति में भी बड़ा हस्तक्षेप रखते हैं लेकिन, बीजेपी ने कानपुर सीट पर जिस प्रत्याशी रमेश अवस्थी का टिकट फाइनल किया उसके चयन और उसके चुनाव लड़ने से होनेवाले नुकसान को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिख सियासी सरगर्मियां बढ़ा दी हैं.  




पीएम मोदी को लिखी ये चिट्ठी
प्रधानमंत्री को लिखी गई ये चिट्ठी वायरल हो गई है, जिसमें लिखा है कि कानपुर की भूमि क्रांतिकारियों की धरा है. यहां इस भूमि से जनसंघ से लेकर बीजेपी की जमीन तैयार हुई है. यहां पार्टी ने ऐसे प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया है जिसकी पहचान कार्यकर्ताओं के बीच भी नहीं है. कार्यकर्ता और यहां के नेता को ये भी नही पता की रमेश अवस्थी ने कब बीजेपी की सदस्यता ली कब उन्होंने पार्टी में क्या योगदान दिया है.


उन्होंने लिखा, क्या कानपुर की धरा कार्यकर्ता विहीन हो गई है. पार्टी कार्यकर्ता निराश हैं और अंदर ही अंदर सुलग रहे हैं. अगर ऐसा ही रहा तो प्रधानमंत्री जी आपका 400 पास का संकल्प अधूरा रह जायेगा. कानपुर सीट से बीजेपी प्रत्याशी रमेश अवस्थी आज अपना नामांकन भरेंगे. इस दौरान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद रहेंगे. लेकिन, इससे पहले इस चिट्ठी को लेकर घमासान छिड़ गया है. बगावत और आपसी कलह से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं.