Raibareilly Lok Sabha Chunav 2024: रायबरेली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सामने भारतीय जनता पार्टी ने दिनेश प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया है. वहीं इस चुनाव में स्थानीय नेताओं के समर्थन पर सवाल उठने खड़े हो गए हैं. बीजेपी नेता दिनेश सिंह के नामांकन सभा में भारतीय जनता पार्टी ने भले ही अपने बड़े नेता डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को शामिल करा के बड़ा संदेश देने की कोशिश और नामांकन में बड़ी रैली की. हालांकि दिनेश सिंह के नामांकन से लेकर चुनाव प्रचार तक में अभी तक रायबरेली से विधायक अदिति सिंह चुनाव प्रचार में कहीं भी दिखाई नहीं दीं. अदिति सिंह का कहीं भी शामिल न होना रायबरेली के राजनीतिक गलियारों में तमाम सवाल खड़े कर रहा है. 


रायबरेली से बीजेपी विधायक अदिति सिंह को चुनाव प्रचार में ना दिखने पर रायबरेली के लोगों से लेकर रायबरेली के राजनीतिक गलियारों में उनके नारागजी की चर्चा शुरू हो गई है. वहीं अदिति सिंह द्वारा सोशल मीडिया में अपने पिता के साथ एक फोटो डालते हुए लिखा कि "उसूलों के साथ कोई समझौता नहीं" भी एक अलग संदेश दे रहा है. 






इस राजनीतिक कयास बाजी पर अदिति सिंह ने एबीपी लाइव से बातचीत करते हुए कहा की वो भाजपा के साथ हैं और भाजपा का जो प्रत्याशी है वो उनका प्रत्याशी है. उन्होंने अपने पिता के साथ डाली हुई अपने फोटो पर कहा कि हर चुनाव में वो अपने पिता को मिस करती हैं और आज भी उन्होंने अपने पिता को मिस करते हुए ये तस्वीर डाली है. उन्होंने कहा कि वह रायबरेली में होने वाली गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली में शामिल होने वाली हैं.


वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शुक्ला इस राजनीतिक अदावत के बारे में बताते हैं कि दरअसल अदिति सिंह के ऊपर 2019 में एक हमला हुआ था जिसमें अदिति ने आरोप लगाया था कि वो हमला दिनेश सिंह के भाई अवधेश सिंह ने कराया है. ये बाद 14 मई 2019 की है, जब तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही वोटिंग में अदिति सिंह अपने समर्थकों के साथ गई थीं. उस समय उनके काफिले पर हरचंदपुर थाना क्षेत्र के मोदी स्कूल के पास पथराव और फायरिंग हुई थी. अदिति सिंह पर हुए इस हमले का आरोप उन्होंने अवधेश सिंह के ऊपर ही लगाया गया था.


2022 में बीजेपी में हुईं शामिल


इस घटना के दौरान दिनेश सिंह बीजेपी में आ चुके थे और अदिति तब कांग्रेस के टिकट पर विधायक थीं. फिर साल 2022 के चुनाव में अदिति भाजपा में आ चुकी हैं और इस कारण काफी कुछ परिस्थितियां बदल चुकी हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति में अपना वजूद बनाए रखना भी बेहद अहम है और इस कारण राजनीतिक परिस्थितियां समझते हुए और नफा नुकसान नापते हुए अपना कदम रखेंगी. जिससे उनका वजूद भी बना रहे और अगर राजनीति में कुछ परिस्थति बदले तो उसमें भी उन्हें कोई बड़ा नुकसान न झेलना पड़े.  


रायबरेली में 20 मई को वोटिंग


बता दें कि रायबरेली सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है और अब इस चुनाव में सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद राहुल गांधी इस सीट से उम्मीदवार है. बता दें कि रायबरेली सीट पर पांचवे चरण में 20 मई को वोटिंग होगी. 


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