UP News: लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी से मिशन 80 का लक्ष्य लेकर चल रही भारतीय जनता पार्टी लगातार अल्पसंख्यक समाज को भी अपने साथ जोड़ने की कोशिशों में लगी है. इसके लिए लाभार्थी सम्मेलन, संपर्क और संवाद के तमाम अलग-अलग कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. और अब इसी कड़ी से जोड़कर 18 जून को होने वाले पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम को भी देखा जा रहा है. इसके पीछे वजह ये की 18 जून को प्रसारित होने वाले मन की बात कार्यक्रम में देश के 14 जिलों को जोड़ा जाएगा. इनमें सर्वाधिक 2 जिले उत्तर प्रदेश से रामपुर और ललितपुर हैं. रामपुर में कार्यक्रम को लेकर करीब 2 हज़ार मुस्लिम महिलाओं को जुटाने की तैयारी है जिनसे पीएम मोदी रूबरू हों.


रामपुर में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना को जिम्मेदारी सौंपी गई है. दोनों लोग कार्यक्रम को भव्य बनाने में जुटे हैं. कोशिश ये भी है कि इसमे बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समाज के लोग शामिल हों. इनमे भी कम से कम 2 हज़ार मुस्लिम महिलाओं को जुटाने की कोशिश है. रामपुर अल्पसंख्यक बाहुल्य जिला है जो कभी समाजवादी पार्टी और आजम खान का गढ़ कहा जाता रहा. हालांकि कुछ समय पहले हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और आजम खान को लोकसभा से लेकर विधानसभा तक यहां झटका लगा और बीजेपी ने कमल खिलाया.


बासित अली का कहना है कि जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने कोई भी ऐसी योजना नहीं जिसमें किसी समाज को छोड़ दिया गया हो और कोई ऐसा काम नहीं जिसमें सबको प्रतिनिधित्व ना मिला हो. उत्तर प्रदेश के रामपुर से बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक भाई बहनों से पीएम मोदी जुड़ेंगे. बड़ी संख्या में देशभर में अल्पसंख्यक समाज पीएम मोदी के मन की बात को सुनता है और पीएम मोदी को प्यार करता है. रामपुर की आवाम बड़ी संख्या में कार्यक्रम में पहुंचेगी. लोगों में बहुत उत्साह है, पीएम से जुड़ना, उनसे बात करना चाहते. जो लोग कार्यक्रम में अएमगे स्वाभाविक है बड़ी संख्या में लाभार्थी भी होंगे.


अल्पसंख्यक समुदाय बीजेपी के साथ- बासित अली


बासित अली ने कहा कि वक्त और सोच बदलने में थोड़ा वक्त लगता है. लेकिन अभी जो रामपुर की आवाम है, आपने देखा होगा कि हम लगातार चुनाव जीते हैं. निश्चित रूप से 80 लोकसभा सीट जीतने का काम उत्तर प्रदेश में इस बार होगा उसमें रामपुर भी एक सीट होगी. वहां बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय बीजेपी के साथ हैं. अब वहां न आजम खान बचे और ना उनकी राजनीतिक विरासत बची. उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी भी समाप्त वादी पार्टी है. उनका ना कोई जनाधार है, ना आधार, ना नीतिः, ना नियती, ना नेता वह अपने वजूद से जूझ रहे हैं. निश्चित रूप से जो 2024 का चुनाव होगा उसमें बड़ा फर्क देखने को मिलेगा क्योंकि मुस्लिम बूथों से भी भारी तादाद में बीजेपी को वोट मिलने वाला है.


बीजेपी का मुस्लिम प्रेम है दिखावा


वहीं इसे लेकर सपा प्रवक्ता फराज किदवई का कहना है कि प्रधानमंत्री को अपने मन की बात करने से ज्यादा जरूरी है कि देश के 140 करोड़ लोगों के मन की बात करनी चाहिए. जहां तक बात बीजेपी के मुस्लिम प्रेम की है तो यह खाली दिखावा है इनको लग रहा है कि यह इलेक्शन हार रहे हैं 2024 का और इसीलिए कोशिश कर रहे कि 1 सर्टेन वोट परसेंट मुसलमानों का यह खाली डैमेज करें. यह इनकी सोच पॉजिटिव नहीं नेगेटिव है कि विपक्ष का 1 सर्टेन वोट डैमेज करके यह अपनी तरफ किसी ना किसी तरीके से लेने की कोशिश करेंगे लेकिन उसमें कभी कामयाब नहीं हो सकेंगे.


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