Lok Sabha Election 2024: केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह कल 12 मई को यूपी के प्रतापगढ़ में कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के गढ़ में जनसभा को संबोधित करेंगे. जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष राजा भैया ने पिछले हफ्ते बेंगलुरु में अमित शाह से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के अगले दिन ही जौनपुर के पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह ने बीएसपी के टिकट पर पत्नी श्रीकला रेड्डी को चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था. 


इसके अलावा राजा भैया ने इस बार कौशांबी सीट पर अपनी पार्टी का कोई उम्मीदवार भी मैदान में नहीं उतारा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या राजा भैया अपने गढ़ में अमित शाह का स्वागत करेंगे या नहीं. वह अमित शाह के साथ मंच साझा कर भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में लोगों से वोट देने की अपील करेंगे या नहीं. 


वैसे राजा भैया शुक्रवार की शाम ही लखनऊ पहुंच गए हैं. अमित शाह की सभा से कुछ घंटे पहले ही राजा भैया के लखनऊ पहुंच जाने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. राजा भैया और बीजेपी दोनों ही एक दूसरे का साथ लेने देने पर नफे नुकसान का आकलन कर रहे हैं. वैसे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज वाराणसी में रहेंगे. रात को उनकी बीजेपी के कुछ प्रमुख नेताओं के साथ बैठक भी होनी है. उम्मीद जताई जा रही है कि बेंगलुरु में कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने के बाद आज वाराणसी में होने वाली बैठक में कोई बड़ा फैसला हो सकता है.


केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की चुनावी जनसभा कौशांबी सीट से बीजेपी के उम्मीदवार विनोद सोनकर के समर्थन में होनी है. अमित शाह को प्रतापगढ़ जिले में कुंडा से सटे हुए हीरागंज बाजार में नायर देवी के मंदिर के पास सभा को संबोधित करना है. यह इलाका राजा भैया का गढ़ माना जाता है. पिछले कई चुनाव से यहां राजा भैया द्वारा घोषित उम्मीदवार ही विधायक चुना जाता है. अमित शाह की जनसभा का कार्यक्रम बेंगलुरु में राजा भैया के साथ उनकी मुलाकात के बाद ही तय हुआ है. ऐसे में देखना यह होगा कि राजा भैया अपने घर में अमित शाह का मंच साझा करते हैं या नहीं. अगर वह बीजेपी का मंच साझा नहीं करते तो जनसभा में अमित शाह और स्थानीय सांसद व प्रत्याशी विनोद सोनकर समेत तमाम दूसरे नेता राजा भैया को लेकर चुप्पी साधे रहते हैं या फिर उनके खिलाफ हुंकार भरते हैं. 


राजा भैया लखनऊ जरूर पहुंच गए हैं, लेकिन कुंडा में अपनी कोठी पर जाने का उनका फिलहाल कोई कार्यक्रम नहीं है. वैसे इस बात की संभावना कम ही है राजा भैया केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मंच साझा करेंगे. सूत्रों के मुताबिक वह बीजेपी के स्थानीय सांसद विनोद सोनकर के बदले किसी दूसरे को टिकट दिलाना चाहते थे. बेंगलुरु में भी अमित शाह से हुई मुलाकात में कोई ठोस व सार्थक बातचीत नहीं हो सकी थी. राजा भैया के समर्थक भी उहापोह की स्थिति में है.


अगर राजा भैया कल अपने गढ़ में अमित शाह के कार्यक्रम में शामिल नहीं होते हैं या फिर अलग से भी मुलाकात कर उनका स्वागत नहीं करते हैं तो फिर उनका अगला कदम क्या होगा. क्या वह फिर से अखिलेश यादव का साथ देंगे या फिर लोकसभा के चुनाव से खुद को अलग ही रखेंगे और शांत बैठेंगे. राजा भैया केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा में शामिल होंगे या नहीं, यह आज रात वाराणसी में होने वाली बैठक में तय हो सकता है और तस्वीर साफ हो सकती है.


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