Haridwar News: शहीद हवलदार जगेंद्र सिंह चौहान का आज हरिद्वार (Haridwar) नमामि गंगे घाट स्थित मोक्ष धाम में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद सैनिक को विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े और नम आंखों के साथ उन्हें विदाई दी. 20 फरवरी को सियाचिन (Siachen Glacier) में ड्यूटी के दौरान ग्लेशियर टूटने से उसमें दब गए थे. जिसके बाद सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया. इस खबर के बाद से ही उनका पूरा परिवार टूट गया था. 


सियाचिन ड्यूटी के दौरान गई जान


जगेन्द्र चौहान का जन्म 1987 में भनस्वाडी टिहरी गढ़वाल में हुआ था. इस समय वो कन्हार वागला भानियावाला में रहते थे. शहीद जगेंद्र की सियाचिन में तैनाती थी. इस दौरान एक ग्लेशियर टूट कर उनपर गिर पड़ा. कई दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उनका शव बरामद हो सका था. आज उनका शव रुड़की पहुंचा. जहां से उनके शव को डोईवाला ले जाया गया और फिर उनके उनके अंतिम दर्शन के बाद उनका पार्थिव शरीर हरिद्वार नमामि गंगे घाट स्थित मोक्ष धाम लाया गया. जहां उत्तराखंड के सैनिक कल्याण अधिकारी मंत्री गणेश जोशी की उपस्थिति में पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई.


भारत माता की जय के नारे लगे


शहीद का शव जैसे ही मोक्ष धाम पहुंचा कि पूरा मोक्ष धाम भारत माता की जय के जयकारों से गूंज उठा. मोक्ष धाम पर शहीद को श्रद्धांजलि दी गई वहीं सेना द्वारा सलामी देकर अपने शहीद को नम आंखों के साथ विदा किया. शहीद को विदा करते समय उनके पिता उस फफक फफक कर रो पड़े. जब सेना ने पार्थिव शरीर से तिरंगे को लेकर उनके हाथों में दिया. इस दौरान शहीद के पिता सूबेदार मेजर राजेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि मुझे मेरे बेटे के ऊपर बहुत गर्व है जिसने देश के लिए अपना बलिदान दिया है.


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