Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर कुशीनगर (Kushinagar) की बांसी नदी में आस्था की डुबकी लगाने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. बांसी नदी के तट पर मेले का आयोजन किया जाता है. बांसी नदी में स्नान का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि सौ बार काशी के बराबर एक बार बांसी नदी में स्नान करने से पुण्य मिलता है. श्रद्धालु स्नान के बाद दान-पुण्य करते हैं. इस बार कार्तिक पूर्णिमा को आबकारी विभाग ने बदनाम कर दिया. बांसी नदी के तट पर खुलेआम रात भर शराब की बिक्री हुई.


श्रद्धालुओं की सुविधा या कमाई बढ़ाने का दबाव?


शराब और बियर की दुकानों पर सरकारी दाम से ज्यादा कीमत वसूली गई. श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए योगी सरकार और क्षेत्रीय विधायक ने घाट पर लोगों के लिए मुफ्त भोजन और ठहरने की व्यवस्था भी कराई है. सुरक्षा व्यवस्था के लिए जवानों ने मोर्चा संभाला है.बांसी नदी के घाट पर आयोजित मेले में रात दस बजे बाद भी शराब की बिक्री धड़ल्ले से हुई. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बांसी नदी में एक डुबकी लगाने से काशी में सौ बार स्नान करने का लाभ मिलता है.


कार्तिक पूर्णिमा पर बांसी मेले में बेची गई शराब


जीवन के समस्त अवरोधों से मुक्ति मिलती है. कुशीनगर जिले से होकर बहने वाली बांसी नदी की मान्यता काफी लंबे समय से चली आ रही है. सिंघापट्टी गांव से होकर गुजरने वाली बांसी नदी किनारे भगवान राम ने माता सीता और बारातियों संग रात बिताई थी. कहा जाता है कि त्रेता युग में भगवान राम ने जनकपुर में माता सीता से विवाह के बाद अयोध्या की तरफ प्रस्थान किया था. बांसी पहुंचने पर शाम हो गई थी. देवरण्य क्षेत्र में जंगली जानवरों का बसेरा था. जंगली जानवर खुले रूप से विचरण करते थे.


भगवान राम की बारात सुरक्षा की वजह से बांसी में रुक गयी. सुबह उठने के बाद बांसी में भगवान राम ने स्नान भी किया. बांसी नदी के तट पर स्नान बाद सुबह उन्होंने शिवलिंग बनाकर पूजा की. मान्यता का पालन करने कई प्रदेशों से श्रद्धालु कुशीनगर-बिहार के बॉर्डर पर स्थित बांसी आते हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों लोग बांसी नदी में स्नान कर पूजा पाठ करते हैं. बांसी का संबंध भगवान राम से जुड़े संस्मरण, विभिन्न समय, काल और स्थान के लिए है.


इसलिए मेले में दूर दराज से आये श्रद्धालुओं के लिए योगी सरकार और क्षेत्रीय विधायक ने मुफ्त रहने और भंडारे की व्यवस्था की है. कार्तिक पूर्णिमा पर बांसी मेले में बियर और शराब की दुकान खोलकर बिक्री कराई गई. खिरकिया में देशी शराब की दुकान पर ज्यादा दर से रात भर शराब बेची गयी. बांसी नदी में स्नान के बाद दान करने का काफी महत्व है. उत्तर प्रदेश-बिहार राज्य की सीमा पर स्थित बांसी नदी में सुबह स्नान के बाद भगवान राम और शिव की आराधना की जाती है. आबकारी अधिकारी ज्ञानेंद्र पाण्डेय ने मामले से अंजान बताया.उन्होंने इंस्पेक्टर को भेज दिखाने का रटा रटाया बयान दिया.


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