उन्नाव रेप केस में दिल्ली हाई कोर्ट ने बीजेपी के पूर्व नेता कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत दे दी. 15 लाख के मुचलके पर ये राहत दी गई है. इस जमानत के बाद भी कुलदीप सेंगर जेल से बाहर नहीं आ पाएगा क्योंकि पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में वो 10 साल की सजा काट रहा है.

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दिल्ली में ही रहने का हाई कोर्ट ने दिया आदेश

दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंगर की सजा को उसकी अपील पर सुनवाई लंबित रहने तक निलंबित कर दिया है. सेंगर को पीड़िता के 5 किलोमीटर के दायरे में न आने और जमानत की अवधि के दौरान दिल्ली में ही रहने का आदेश दिया. हाई कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को हर सोमवार पुलिस को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया.

निचली अदालत में जमा कराना होगा पासपोर्ट

सेंगर पीड़िता को पीड़िता को धमकी नहीं देगा और उसे अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करना होगा. हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी. कुलदीप सिंह सेंगर को निचली अदालत ने दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

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उन्नाव रेप केस 2017 की घटना

गौरतलब है कि उन्नाव रेप केस साल 2017 में हुआ था, जिसमें सेंगर मुख्य आरोपी था. मामले ने तब गंभीर मोड़ ले लिया जब कथित तौर पर सेंगर के भाई ने पीड़िता के पिता को पुलिस हिरासत में पीट-पीटकर मार डाला. सेंगर को इस मामले में दोषी ठहराया गया और फिलहाल वह दिल्ली की जेल में बंद है.

अप्रैल 2018 में कुलदीप सिंह सेंगर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. जुलाई 2028 में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की गई जिसमें सेंगर का भी नाम था. दिसंबर 2019 में सेंगर को इस मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई. सजा के ऐलान के बाद सेंगर की विधायकी चली गई और बीजेपी ने भी पार्टी से निलंबित कर दिया.