बदायूं: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में रविवार शाम एक ऐसी घटना हुई जिसने महिला सुरक्षा के दावों पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं. परिवार के आरोपों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जो मामला दर्ज किया है उसमें गैंगरेप की धारा और हत्या की धारा के तहत कार्रवाई की जा रही है. चलिए आपको बताते हैं बदायूं गैंगरेप केस से जुड़ी बड़ी बातें.


मुख्य आरोपी गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के बदायूं में 50 वर्षीय महिला के साथ हैवानियत के बाद हत्या के मामले में मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. महंत सत्यनारायण दो दिन से फरार था. पुलिस ने मुख्य आरोपी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. जिस महिला के साथ हैवानियत की वो साल 2005 से आंगनबाड़ी में काम कर रही थी. घर में वही अकेले कमाने वाली थीं. पति मानसिक तौर पर ठीक नहीं है.


महिला के पास आया फोन
तीन जनवरी रविवार शाम को करीब 5 बजे के आसपास मृतक महिला के पास मंदिर के बाबा का फोन आता है. जिसके बाद मृतक महिला अपने बच्चों से ये कहकर जाती है कि इंतजार ना करें क्योंकि उसी मंदिर के पास ही उनका मायका भी है और वो रात में वहीं रुकेगी. इतना कहने के बाद मृतक महिला मंदिर जाने के लिए निकल जाती है.


सीएम योगी ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
बदायूं में महिला के साथ गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में योगी सरकार ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये हैं. सीएम योगी ने आरोपियों पर NSA के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया है. वहीं, विपक्ष ने इस घटना पर योगी सरकार को घेरने की कोशिश की है. बसपा सुप्रीमो मायावती, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सपा ने घटना को लेकर ट्वीट के जरिए सरकार पर जमकर निशाना साधा है.


सपा ने सरकार को घेरा
समाजवादी पार्टी ने इस घटना पर सरकार को घेरते हुए एक ट्वीट में कहा, "यूपी के बदायूं में पूजा करने गई 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिका के साथ गैंगरेप और फिर उसके बाद उसकी निर्मम हत्या ने संपूर्ण मानवता को शर्मसार कर दिया है. डूब मरें सत्ताधीश, जो महिला सुरक्षा के सिर्फ झूठे दावे करते हैं. दोषियों को जल्द से जल्द सख्त सजा दिला कर न्याय किया जाए."


सरकार घटना को गंभीरता से ले
बसपा प्रमुख मायावती ने घटना की निंदा करते हुए ट्वीट में कहा, "उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक महिला के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म व हत्या की घटना अति दुःखद व अति निन्दनीय है. राज्य सरकार इस घटना को गंभीरता से ले व दोषियों को सख्त सजा दिलाना भी सुनिश्चित करे ताकि ऐसी घटना की पुनरावृति न हो."


प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी योगी सरकार को घेरा. उन्होंने इस घटना की तुलना हाथरस कांड से करते हुए ट्वीट किया, "हाथरस में सरकारी अमले ने शुरुआत में फरियादी की नहीं सुनी. सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया. बदायूं में थानेदार ने फरियादी की नहीं सुनी, घटनास्थल का मुआयना तक नहीं किया.''


महिला के साथ की गई हैवानियत
उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में महिला मंदिर गई थी इस दौरान मंदिर पर मौजूद महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम और ड्राइवर जसपाल ने गैंगरेप की जघन्य वारदात को अंजाम दिया. दरिंदों ने मृतका के प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी, जिससे उसका आंतरिक हिस्सा तक फट गया. आंगनबाड़ी सहायिका के शरीर के अन्य हिस्सों में चोट के निशान मिले.


सामने आई पुलिस की लापरवाही
परिवारवालों के मुताबिक जब वो थाने पहुंचे तो थाने पर सिर्फ दो लोग मौजूद थे जिन्होंने कहा कि अभी मामला दर्ज नहीं हो सकता क्योंकि पास ही मिट्टी के मलबे में कुछ लोग फंस गए हैं और उनको निकालने के लिए राहत बचाव का काम चल रहा है. मामला दर्ज न होता देख पीड़ित परिवार के लोग वापस गांव आ गए. इसके बाद 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को जानकारी दी. पुलिस मौके पर पहुंची औरलिखा पढ़ी में तकरीबन डेढ़ से 2 घंटे का वक्त लगा. इसके बाद महिला के शव को लेकर पुलिस अस्पताल चली गई. जहां पर अगले दिन उनका पोस्टमार्टम हुआ. मंगलवार को मृतक महिला का शव परिवार को सौंपा गया जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया.


परिवार को किया गुमराह
परिवारवालों के मुताबिक आरोपी बाबा का कहना था कि मृतक महिला कुएं में गिर गई थी जिसकी वजह से उनको चोट लगी. बाबा ने ये भी दावा किया कि वह मृतक महिला को अस्पताल में ले गए लेकिन अस्पताल के डॉक्टर ने यह कहते हुए इलाज करने से इनकार कर दिया कि पहले किसी घरवाले से बात करवाइए या बुलाकर लाइये है जिसके बाद वहो महिला को घर पर छोड़ गए.


फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा मुकदमा
पूरे मामले को लेकर डीएम ने कहा है कि मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा. प्रशासन ने पीड़िता के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि और सरकारी योजना का लाभ देने की घोषणा की है.



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