UP Assembly Election 2022: पिछले कुछ समय में चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक दलों में सोशल मीडिया का इस्तेमाल तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस बार तो कोरोना की वजह से चुनाव आयोग ने भी फिजिकल रैलियों पर रोक लगाई हुई है, जिसके बाद राजनीतिक दल सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. वैसे तो सोशल मीडिया के मामले में बीजेपी सबसे ज्यादा एक्टिव है, लेकिन यूपी पॉलिटिक्स में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की एंट्री के बाद से कांग्रेस, इस मामले में दूसरे नंबर पर आ गई है. कांग्रेस ने प्रदेश में सोशल मीडिया के लिए 3 हज़ार से ज्यादा युवाओं की भारी भरकम टीम तैयार की है, जो 24 घंटे शिफ्ट में काम करती है. आइए आपको बताते हैं कि कांग्रेस का वॉर रूम कैसे काम करता है? 


सोशल मीडिया के मामले में दूसरे नंबर पर कांग्रेस
कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम में 3 हज़ार से अधिक युवा हैं जिसमे एक्सपर्ट्स, NSUI व यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हैं. इस टीम के करीब 500 लोग लखनऊ में ही काम करते हैं. इसके लिए कांग्रेस प्रदेश कार्यालय से लेकर अलग अलग जगह वॉर रूम बनाये गए हैं. इन वॉर रूम में सोशल मीडिया के लिए कंटेंट तैयार करने से लेकर उन्हें विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म से लोगों तक पहुंचाने का काम होता है. यूपी कांग्रेस सोशल मीडिया टीम के चेयरमैन अभय पांडेय ने बताया कि प्रियंका गांधी का संदेश, कांग्रेस की विचारधारा, पार्टी के कार्यक्रम को गांव गांव, जन जन तक पहुंचाते हैं. चुनावी मुद्दे, प्रियंका गांधी की प्रतिज्ञाएं, पार्टी के कैंपेन को नीचे तक पहुंचाना ही काम है. इस टीम की विधानसभा, जिला और ब्लॉक स्तर तक ट्रेनिंग की गई है.


मैसेज भेजने के लिए कैटेगरी बनाई गई हैं


अभय पांडेय ने बताया की वैसे तो फेसबुक, ट्विटर, पब्लिक एप, यूट्यूब समेत हर एप का इस्तेमाल हम कर रहे हैं, लेकिन शुरू से ही प्रियंका गांधी का काफी फोकस व्हाट्सएप पर रहा है. नतीजा ये की आज रोजाना सिर्फ व्हाट्सएप से ही 2 से 3 करोड़ लोगों तक पार्टी के संदेश पहुंचाया जा रहा है. टीम के एक सदस्य ने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप भी टारगेट के हिसाब से बने हुए हैं. यानी कौन सा संदेश महिलाएं को भेजना है, कौन सा युवाओं, किसानों, अल्पसंख्यकों को और कौन सा सबको भेजना है इसी तरह कैटेगरी बनाई गई हैं.


'बटन दबाओ स्कूटी पाओ'

इतना ही नही 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' मैराथन भी अब डिजिटल पर है. निर्वाचन आयोग की रोक के बाद इसे डिजिटल फॉरमेट में लाया गया. अभय पांडेय ने बताया कि इसके लिए एक प्लेटफार्म बनाया है 'बटन दबाव स्कूटी पाओ.' इसके तहत एक लिंक लोगों को व्हाट्सएप पर भेजते हैं. उसमे पार्टी का प्रतिज्ञा पत्र होता है. खास तौर से महिलाओं के लिए जो प्रतिज्ञा हैं, इस पत्र को पढ़वाते हैं. उसके नीचे एक और लिंक में फॉर्म होता जिसमे नाम, जिला, फ़ोन नंबर लेते हैं. ये सब पढ़ने के बाद जब लोग फॉर्म भर कर जमा करते हैं तो एक लिंक क्रिएट करते है. ये लिंक उन्हें दूसरों को व्हाट्सएप से आगे भेजना होता है. जो जितना ज्यादा लिंक भेजता, जिसके नाम से अधिक रजिस्ट्रेशन होते हैं और उसे लकी ड्रा से स्कूटी देते हैं. इसका काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा, लोग जुड़ रहे हैं.

 

सोशल मीडिया के जरिए लोगों को संदेश


अभय कहते हैं कि प्रियंका गांधी के आने से सोशल मीडिया का स्तर बहुत ऊपर हुआ है. इन 2 साल में बहुत काम किया. अब भाजपा भी इस मध्य में बड़ी चुनौती नहीं रही है. अभय के अनुसार सपा ने पहले ही सोशल मीडिया को लेकर हथियार डाल दिये थे. इन वॉर रूम से दो तरीके से काम होता है. पहला राष्ट्रीय और राज्य स्तर के जो मुद्दे होते हैं उन्हें ऊपर से नीचे तक भेजते हैं. वहीं जमीन के यानी क्षेत्र के मुद्दे नीचे से ऊपर जाते हैं फिर उनके वीडियो फुटेज विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक भेजते हैं. अभय कहते हैं की भाजपा का कांग्रेस के खिलाफ जो उनका प्रोपेगेंडा था उसे भी हमने काफी हद तक बर्स्ट किया है.

 

ये भी पढ़ें-