Khatauli By-Election 2022: खतौली विधानसभा उपचुनाव में जयतं चौधरी (Jayant Chaudhary) ने चन्द्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) के साथ जो नया समीकरण बनाया है, उसे आने वाले समय में दिल्ली पर पर निशाना साधने की बड़ी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. खतौली (Khatauli) में रालोद (RLD) ने जाट-गुर्जर और मुस्लिमों का जो फार्मूला अपनाया उस फार्मूले को आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) के सहारे किले में तब्दील करने की कोशिश की जा रही है.


रालोद का नया गठबंधन बिगाड़ेगा 2024 का खेल!


खतौली पश्चिम की सियासत का कुरुक्षेत्र बना है. रालोद ने यहां बीजेपी के विजयरथ को रोकने के लिए जहां मदन भैया को मैदान में उतारा हैं वहीं सपा से गठबंधन के साथ आजाद समाज पार्टी को भी इस गठबंधन के शामिल कर नए समीकरण की शुरुआत की है. ये ऐसा मौका था जब खतौली के रण में जयंत चौधरी और चंद्रशेखर एक मंच पर थे और दोनों का मकसद मदन भैया को जिताना और इस जीत के सहारे बीजेपी की 2024 में राह मुश्किल करने की रणनीति भी दिखी. जयंत के भाषण ने ये साफ भी किया कि खतौली से दिल्ली पर निशाना लगाना है. 


इस दौरान आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर के तेवर भी बीजेपी को लेकर आक्रामक दिखे. उन्होंने कहा कि खतौली का उपचुनाव बीजेपी के अहंकार के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का काम करेगा. चंद्रशेखर आजाद ने 2 अप्रैल की घटना, हाथरस की घटना और किसान आंदोलन में मारे गए किसानों का जिक्र कर सियासी पारा और चढ़ा दिया. उन्होंने कहा कि खतौली के नतीजे किसान आंदोलन में शहीद किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि देगा. 


खतौली में जनसभा के दौरान जयंत चौधरी और चंद्रशेखर दोनों ने अपनी बात कही और रालोद प्रत्याशी मदन भैया के लिए वोट की अपील की, इस दौरान दोनों के ही भाषण काफी नपे-तुले रहे. खतौली में जीत की कहानी लिखने के लिए दोनों ही नेताओं ने कोई मौका नहीं गंवाया, लेकिन इतना भी साफ है खतौली से दिल्ली पर निशाना साधने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी यानी गठबंधन का ये नया फार्मूला कामयाब हुआ तो फिर 2024 में भी इसी गठबंधन के सहारे दिल्ली में नई सियासी समीकरण बैठाए जाएंगे. 


ये भी पढ़ें- Watch: वाराणसी में शादी समारोह में डांस करते हुए आया हार्ट अटैक, गिरते ही हो गई मौत