UP News: हरदोई जेल में बंद माफिया खान मुबारक की मौत (Khan Mubarak Death) निमोनिया से हुई थी. अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) पंकज मिश्रा ने कहा कि बीते कई दिनों से खान मुबारक का इलाज रहा था. इलाज के दौरान माफिया की मौत हो गई. अम्बेडकरनगर का रहने वाला खान मुबारक कई बड़े शूटआउट में शामिल रहा है. जफर सुपारी का छोटा भाई खान मुबारक यूपी के टॉप 10 अपराधियों में शामिल था. उत्तर प्रदेश में बाहुबली और माफिया मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, बृजेश सिंह और मुन्ना बजरंगी जैसे नाम खासे चर्चित रहे.


खान मुबारक के अपराध का जानिए इतिहास


गैंगस्टर खान मुबारक की भी इलाहाबाद और आसपास इलाकों में खूब दहशत थी. अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का भी खान मुबारक शॉर्प शूटर रहा है. करोड़ों की रंगदारी वसूलने और शूटआउट करने में खान मुबारक का नाम सामने आया था. खान मुबारक के आपराधिक इतिहास में बड़ा भाई भी बहुत मायने रखता है. बड़ा भाई जफर सुपारी का कनेक्शन अंडरवर्ल्ड से रहा है. खान मुबारक की पैदाइश अम्बेडकरनगर के हसवर थाना क्षेत्र की है. स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद खान मुबारक इलाहाबाद विश्वविद्यालय आ गया.


खान मुबारक ने क्रिकेट मैच के दौरान अंपायर पर गोली चला दी थी. कारण था कि उसने खान मुबारक को रन आउट करार दे दिया था. साल 2006 में खान मुबारक का नाम कथित तौर पर डाकखाने की डकैती में सामने आया. फिर खान मुबारक की अदावत मुन्ना बजरंगी के साथ बढ़ी. हालांकि, उन दिनों खान मुबारक बड़े भाई जफर सुपारी के साथ जुड़ चुका था. खान मुबारक का नाम मुंबई में 2006 में काला घोड़ा हत्याकांड से सबसे ज्यादा चर्चित हुआ. छोटा राजन गिरोह ने दिनदहाड़े  हत्याकांड को अंजाम दिया था.


खान मुबारक ने साथियों के साथ मिलकर पुलिस वैन में बंद दो आरोपियों को गोलियों से भून डाला. साल 2007 में कैश वैन लूटकांड में एसटीएफ ने खान मुबारक को गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान खान मुबारक ने काला घोड़ा हत्याकांड का खुलासा किया. कैश वैन लूटकांड के बाद खान मुबारक पांच साल नैनी जेल में बंद रहा. 2012 में जेल से बाहर आने पर दोबारा अंबेडकरनगर में रंगदारी और जबरन वसूली का काम शुरू किया.                    


शूटर ओसामा की हत्या में नाम सामने आया. बाद खान मुबारक भट्ठा कारोबारी एनुद्दीन की मौत मामले में भी जेल गया. सबूत और गवाह न मिलने पर 2016 में जेल से बाहर आ गया. साल 2017 में बसपा नेता जुरगाम मेहंदी पर जानलेवा हमला कराने का आरोप लगा. आधा दर्जन गोली लगने पर भी जुरगाम मेहंदी बच गया.


लखनऊ से यूपी एसटीएफ ने खान मुबारक को अरेस्ट कर लिया. एक साल बाद 2018 में जुरगाम मेहंदी की हमले में मौत हो गई. कथित तौर पर खान मुबारक को हत्याकांड का जिम्मेदार माना गया. खान मुबारक पर करीब दो दर्जन मामले दर्ज हैं. फैजाबाद जेल से खान मुबारक को हरदोई जेल में लाया गया था. यूपी सरकार बीते कई वर्षों में खान मुबारक की करोड़ों की संपत्ति कुर्क कर चुकी है.


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