Kasganj: उत्तर प्रदेश के कासगंज जनपद (Kasganj District) के सदर कोतवाली इलाके के बारह पत्थर मैदान पर बीते शनिवार एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला. शव को लेकर दो अलग-अलग परिवारों ने शिनाख्त कर उस पर दावा किया है. एक शव पर दो परिवारों के दावों ने प्रशासन के मुश्किलें बढ़ दी है. सोरों कोतवाली के फतेहपुर कला के रहने वाले नीरज कुमार का दावा है कि यह शव उनके भाई संजीव कुमार का है. नीरज के मुताबिक उनका भाई संजीव बीते शुक्रवार घर से मजदूरी करने के लिए कासगंज आया था और वापस नहीं पहुंचा.


परिजनों ने संजीव की तलाश शुरू की तो शनिवार को एक अज्ञात शव कासगंज कोतवाली के 12 पत्थर पर मिलने की सूचना मिली. इस सूचना के बाद नीरज पूरे परिवार के साथ मौके पर पहुंच कर शव की शिनाख्त अपने भाई संजीव के रुप में की. नीरज का कहना है कि शव के चेहरे पर तिल का निशान है. ये उनके भाई संजीव से मेल खाता है.


एक शव पर दो परिवारों के दावे से प्रशासन भी था सकते


जबकि पटियाली कोतवाली के नगला अब्दाल के रहने वाले किशन ने दावा किया है कि यह शव उनके भाई उमाशंकर का है. किशन के मुताबिक उनका भाई उमाशंकर 3 महीने पहले दिल्ली मजदूरी करने गया था और वहां से अभी हाल में ही लौटा है. किशन ने दावा किया कि ये शव उनके भाई का है क्योंकि शरीर पर कुछ निशान है, जो उनके भाई उमाशंकर से मेल खाते हैं. दो परिवारों के एक ही शव पर दावा करने से पुलिस भी सकते में हैं. पटियाली कोतवाली के रहने वाले किशन ने ये भी बताया कि उनके भाई उमाशंकर के शव पर निशान होने के अलावा ऑपरेशन के बाद पैर में सरिया डला हुआ है. 


बायोमेट्रिक से हुई शव की शिनाख्त


शव पर दावे को साबित करने के लिए दोनों पक्षों की ओर से परिजन, रिश्तेदार और बड़ी संख्या में स्थानीय लो पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए. मामले की पेचीदगी को देखते हुए अधिकारियों के सामने शव की सही शिनाख्त को लेकर चुनौती खड़ी हो गई है. प्रशासन ने शवों की पहचान कराने के लिए बायोमेट्रिक जांच कराने का फैसला किया. बायोमेट्रिक जांच के बाद पता चला कि शव की शिनाख्त फतेहपुर कलां के रहने वाले संजीव रुप में हुई. शव की शिनाख्त के बाद पुलिस ने शव का पंचनामा भरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.


पुलिस ने क्या कहा?


अपर पुलिस अधीक्षक कासगंज जितेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि थाना क्षेत्र कोतवाली में कल एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला, जिसकी शिनाख्त उस समय नहीं हो पाई थी. सोशल मीडिया पर प्रकाशित संदेश के आधार पर, दो परिवारों ने शव को हुबहु उनके भाई से मिलती पहचान बताकर दावा करने लगे. ऐसी दशा में प्रभारी निरीक्षक की टीम के द्वारा आधार कार्ड सेवा के व्यक्ति को बुलाकर के बायोमेट्रिक मशीन के आधार पर उसकी पहचान स्थापित की गई, दोनों पक्षों के सामने ये कार्रवाई करवाते हुए, शिनाख्त स्थापित की गई. जिसके बाद पंचायतनामा और पोस्टमार्टम की कार्रवाई अग्रिम दिशा में प्रचलित है.


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