उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने महिलाओं के अधिकारों और सम्मान को मजबूत करने के उद्देश्य से एक पहल के तहत बृहस्पतिवार को घोषणा की कि राज्य भर की विभिन्न जिला जेलों में बंद महिला कैदी 10 अक्टूबर को अपने पति के साथ करवा चौथ मना सकेंगी.

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आयोग ने यहां एक आधिकारिक बयान में कहा कि यह निर्णय उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग (संशोधन) अधिनियम 2013 की धारा नौ के तहत लिया गया है. यह प्रावधान आयोग को यह सुनिश्चित करने का अधिकार देता है कि महिलाओं को कारावास में भी उनके भावनात्मक और पारिवारिक अधिकारों से वंचित न किया जाए.

आयोग की अध्यक्ष बबिता सिंह चौहान ने कहा कि करवा चौथ केवल एक अनुष्ठानिक व्रत नहीं है बल्कि प्रेम, भक्ति और विश्वास का प्रतीक एक त्यौहार है. आयोग का यह कदम जेल की चारदीवारी के भीतर भी स्नेह, सम्मान और भावनात्मक जुड़ाव की भावना को फिर से जगाने का प्रयास है.

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जिलाधिकारियों से किया गया अनुरोध

चौहान ने कहा, 'महिलाओं के अधिकार न केवल कानूनी हैं बल्कि भावनात्मक और सामाजिक भी हैं. आयोग इन सभी पहलुओं की रक्षा के लिए समान रूप से प्रतिबद्ध है.'

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उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है कि वे पात्र महिला कैदियों को अपने-अपने पति की उपस्थिति में त्यौहार मनाने की अनुमति देने के लिए आवश्यक व्यवस्था करें.

चौहान ने कहा कि यह पहल सभी परिस्थितियों में महिलाओं की गरिमा और संवेदनशीलता को बनाए रखने के आयोग के दृष्टिकोण को जाहिर करती है और महिलाओं के अधिकारों के समग्र संरक्षण के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.