UP News: कानपुर में हुई हिंसा (Kanpur Violence) के मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi) के मोबाइल से अब राज खुलने लगे हैं. उसके मोबाइल में कुल 141 व्हाट्सएप (WhatsApp) ग्रुप मिले हैं. तकरीबन सभी ग्रुपों में बाजार बंदी और बवाल की बातचीत मिली है. हिंसा के दिन का हर पल का अपडेट ग्रुपों में दिया जा रहा था. कोई वीडियो (Video) डाल रहा था तो कई फोटो और मैसेज भी डाला जा रहा था. बाजार बंदी का हयात लगातार ग्रुप पर आह्वान कर रहा था. पुलिस ने इसको साक्ष्य के तौर पर जांच में शामिल किया है. ग्रुप में भेंजे जा रहे थी फोटो और वीडियोपुलिस ने हयात और अन्य आरोपियों के मोबाइल कब्जे में लिए थे. मुस्लिम संगठनों के व्हाट्सएप ग्रुप हयात के मोबाइल में मिले हैं. बवाल के दिन सुबह से ही लगभग हर ग्रुप पर सभी की सक्रियता थी. सबसे अधिक बातचीत और अपडेट एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन कानपुर टीम नाम के ग्रुप में किया जा रहा था. ग्रुप पर आपस में बाजार बंद को लेकर बातचीत की गई थी. तमाम खबरों की कटिंग डाली गई थी. उसके बाद जब बाजार बंद होना शुरू हुआ तो उसका अपडेट आने लगा. इसी तरह से बवाल और जब हाशमी आरोपी बनाया गया तो उससे संबंधित खबरें इसमें पोस्ट की गईं.

पुलिस आयुक्त ने लिखा पत्रबता दें कि शुक्रवार को कानपुर में हिंसा के दौरान ऊंची इमारतों से पथराव हुआ था. अब नई सड़क के आसपास बनी अवैध रूप से ऊंची इमारत सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया जा रहा है. संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कानपुर विकास प्राधिकरण को जांच करा कर कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा है. इस हिंसा में जाजमऊ, बाबूपुरवा, गडरियन पूर्व समेत कई दूसरे इलाकों से भी बवाली आए थे. नई सड़क के आसपास की मस्जिदों में नमाज पढ़ने के आदेश उनको मिले थे. 

एटीएस का हाथ लगे कई अहम सुरागबताया जा रहा है कि नमाज के बाद कपड़ा लहराए जाते ही पथराव और बमबाजी करनी थी. हाथों से बनाये गए देशी बम सड़क किनारे पड़े मिले हैं. वहीं सूत्रों के अनुसार एटीएस टीम ने देर रात बवाल वाले इलाके में भी जांच पड़ताल की है. हिंसा के पीएफआई कनेक्शन पर एटीएस की जांच अब भी जारी है. जफर हयात हाशमी के घर के आसपास के लोगों से भी पूछताछ चल रही है. एटीएस के हाथ कई अहम सुराग भी लगे है.

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