UP News: कानपुर में बीते तीन जून को जुमे की नमाज के बाद हिंसा फैल (Kanpur Violence) गई थी. नई सड़क इलाके में उपद्रवियों ने जमकर पथराव किया था. ये तब हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) अपने पैतृक गांव परौख आये हुए थे. उनके साथ पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Anandiben Patel) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी कानपुर में मौजूद थे. इसके बाद एक्शन में आई पुलिस ने 62 आरोपियों को पकड़ा और जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया था. 


15 आरोपी अब भी फरार
लेकिन इस केस में छह आरोपियों के खिलाफ सुबूत न मिलने पर उन्हें छोड़ भी दिया गया था. इस बीच 15 ऐसे आरोपी हैं, जिनके नाम पुलिस के पास हैं तो लेकिन वो अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. जिन पर अब पुलिस और प्रसाशन बड़ी कार्रवाई के मूड में हैं. हालांकि पुलिस के आला अधिकारी इस मामले में संभल कर आगे बढ़ रहे हैं. उनका कहना है कि शहर का माहौल किसी तरह ना बिगड़े इस बात का भी ख्याल रखा जाना बेहद जरूरी है. इसीलिए पुलिस कार्रवाई तो कर रही है, लेकिन बोल बहुत संभल कर रहे हैं.


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ये हैं आरोपी
पुलिस सूत्रों की माने तो 15 आरोपियों में परवेज उर्फ चिकना इकलाख अहमद, मोहम्मद आजाद, शेरा, सफी अलीशान, सैयद अब्दुल हई हाशमी, सरवर आलम, मुख्तार बाबा का बेटा महमूद उमर, मोहम्मद राशिद अब्दुल शकील और जीशान एवेंजर्स समेत 15 आरोपी फरार हैं. पुलिस सूत्रों की माने इन आरोपियों में बहुत से पेशेवर अपराधी हैं जो कुख्यात डी2 गैंग से जुड़े हुए हैं. 


आरोप ये भी है कि चन्द्रेश्वर हाते को कब्जाने के लिए पूरा खेल हाजी वसी और मुख्तार बाबा ने रचा हुआ था. इनके खिलाफ पुलिस कुर्की की तैयारी में जुटी हुई है. मामले की तफ्तीश कर रही एसआईटी इन सभी के खिलाफ पहले से ही गैर जमानती वारंट ले चुकी है. फरार आरोपी फंडिंग के मामले में जेल भेजे गए हाजी वसी, मुख्तार बाबा और हयात के कहने पर बवाल की आड़ में चंद्रेश्वर हाता खाली कराना चाहते थे.


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