Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का खतरा बढ़ता जा रहा है और ऐसे में प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग (Uttar Pradesh Health Department) अपनी तैयारियों को लेकर सतर्कता बढ़ाता जा रहा है. मंकीपॉक्स प्रभावित देशों से कानपुर महानगर में पिछले 21 दिनों में करीब 1000 लोग आए हैं. केंद्र सरकार ने विदेश से लौटने वाले 40 लोगों की सूची स्वास्थ्य विभाग (Kanpur Health Department) को भेजी है लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक किसी संदिग्ध की सैंपलिंग नहीं की है. हैलट उर्सला और अस्पतालों की ओपीडी से किसी संदिग्ध की सूचना भी नहीं दी गई है. केंद्र सरकार ने जो लिस्ट भेजी है उन लोगों से रैपिड रिस्पांस टीम (Rapid Response Team) संपर्क बनाएगी.


टीमें भेजकर होगी जांच-सीएमओ
कानपुर के सीएमओ डॉ आलोक रंजन ने कहा है कि जो लोग मंकीपॉक्स प्रभावित देशों से शहर लौटे हैं उनके यहां टीमें भेजकर जांच जरूर करवाई जाएगी. इसके बाद जिन लोगों में इस खतरनाक बीमारी के लक्षण पाए जाएंगे उनके नमूने जुटाकर जांच कराई जाएगी. दरअसल शहर में खाड़ी देशों के अलावा ब्रिटेन यूरोप स्विट्जरलैंड और अमेरिका से लोग लौटकर वापस आए हैं. अभी तक किसी से मंकीपॉक्स के लक्षण होने की सूचना नहीं मिली है लेकिन यह सभी लोग जो विदेश से वापस लौटे हैं इनमें मंकीपॉक्स के लक्षण होने का खतरा मंडरा रहा है. 


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पिछले 11 दिनों में 384 यात्री लौटे
सीएमओ ने बताया कि, शासन की तरफ से जो गाइडलाइन जारी की गई है उसमें सबसे अधिक सतर्कता ऐसे ही लोगों को बरते की ताकीद की गई है. स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक बाहर से आने वाले किसी व्यक्ति की जांच नहीं कराई है. इससे ज्यादा और फैलने का खतरा बना हुआ है. पिछले 11 दिनों में 384 यात्री भी लौटे हैं. 11 दिनों में प्रदेश के 10 हजार यात्री सऊदी अरब से वापस आए हैं जिनमें 384 कानपुर के हैं. खाड़ी देशों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हो चुकी है. ऐसे में और ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है. मेडिकल कॉलेज और शहर के अस्पतालों ने अपनी तैयारियों को अंजाम दिया है. इसके आगे बढ़ते हुए जागरुक करने के मकसद से सेमिनार का भी आयोजन किया जा रहा है.


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