प्रयागराज, मोहम्मद मोईन: यूपी के कानपुर जिले के सरकारी शेल्टर होम में कई लड़कियों के कोरोना पॉजिटिव और गर्भवती पाए जाने का मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया है. इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराए जाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील डॉक्टर फारुख खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को एक चिट्ठी भेजी है. उन्होंने इस चिट्ठी को पीआईएल के तौर पर लेते हुए सरकार और कानपुर प्रशासन को जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाने की अपील की है. इस लेटर पीआईएल में हाईकोर्ट से पूरे मामले की मॉनिटरिंग किए जाने की भी अपील की गई है. लेटर को सुओ मोटो के तौर पर भी लिए जाने की अपील की गई है.


कानपुर शेल्टर होम मामला क्या है?


बता दें कि कानपुर शेल्टर होम की सभी नाबालिग लड़कियां पिछले दिनों कोरोना संक्रमित पाई गईं थीं. इसके अलावा एक लड़की एचआईवी और एक लड़की हेपेटाइटिस-सी से भी संक्रमित पाई गईं. कई लड़कियां गर्भवती भी पाई गईं. चीफ जस्टिस को लिखी गई चिट्ठी में लड़कियों के साथ हुए अन्याय को जुवेनाइल जस्टिस के विपरीत बताया है. इसके साथ ही, सरकार की देखरेख में चलाए जा रहे शेल्टर होम की व्यवस्थाओं पर भी पत्र में गंभीर सवाल उठाए गए हैं.


 NHRC ने भी यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को भेजा नोटिस


इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग यानी NHRC ने भी यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस भेजकर मामले में जवाब-तलब किया है. इस बीच अब तक प्रशासन की तरफ से की गई जांच में कई खुलासे हुए हैं. हालांकि, हाईकोर्ट ने अभी इस अर्जी को सुनवाई के लिए मंजूर नहीं किया है. ये लेटर पिटीशन पहले चीफ जस्टिस के सामने रखी जाएगी, अगर चीफ जस्टिस जरूरी समझेंगे, तो इस लेटर को पीआईएल के तौर पर मंजूर करते हुए सुओ मोटो (स्वयं कुछ करना) लेकर या तो खुद सुनवाई करेंगे या फिर किसी बेंच को नॉमिनेट कर सकते हैं.


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