Kanpur News: कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) में आरोपी बनाए गए मुख्तार बाबा ने दावा किया है कि मौजूदा वक्त में जिस तरह से शत्रु संपत्ति पर कब्जा करने और उसे पाकिस्तानी व्यक्ति से खरीदे जाने का आरोप उन पर लगाया जा रहा है, ये पूरी तरह गलत है. मुख्तार बाबा ने कहा है कि यहां तक उनके प्रतिष्ठान को भी शत्रु संपत्ति की जमीन पर काबिज होने की बात की जा रही है, जो सरासर गलत है. 


मुख्तार बाबा का कहना है कि लगातार 20 सालों से जब-जब शत्रु संपत्ति जमीनों पर कब्जे का आरोप लगा, तब-तब उन्होंने आला अधिकारियों और कोर्ट के समक्ष अपने कागजात पेश किए, लेकिन एक फर्जी संस्था जो शत्रु संपत्तियों के संरक्षण की बात करती है वो शत्रु संपत्ति संरक्षण संघर्ष समिति के नाम से चलाई जा रही है. 


नई सड़क हिंसा के आरोपी मुख्तार बाबा का कहना है कि यह संस्था रजिस्टर्ड भी नहीं है, लेकिन लगातार शत्रु संपत्ति के नाम पर आला अधिकारियों को भ्रमित कर बार-बार जांच कराई जा रही है. मुख्तार बाबा और उनके सहयोगी जामी की माने तो यह संस्था लोगों को ब्लैकमेल करने का काम करती है. जामी मोहिद्दीन का कहना है कि संस्था चलाने वाले जिस तरह से मीडिया और आला अधिकारियों को भ्रमित कर रहे हैं और कभी मुख्तार बाबा को पाकिस्तानी संपत्ति खरीदने का आरोप लगा रहे हैं और कभी संपत्ति पर कब्जा करने का आरोप लगा रहे हैं.ये सरासर गलत है.


क्या है पूरा मामला?
दरअसल, शत्रु संपत्ति संरक्षण संघर्ष समिति के सदस्य शफीकुल्लाह गाज़ी लगातार मुख्तार बाबा और ऐसे लोगों के खिलाफ मुहिम छेड़ी हुई है, जो शत्रु संपत्तियों पर निगाह गड़ा कर बैठे रहे और सांठ-गांठ करते हुए इन संपत्तियों पर कब्ज़ा कर डाला. शफीकुल्लाह का कहना है कि जिस संपत्ति को लेकर दावा पेश किया गया है, वो सरासर बे-बुनियाद और झूठा है. यही नहीं कुछ अन्य शिकायत कर्ताओं ने भी ऐसी ही शिकायतें की थीं, लेकिन उनका आरोप है कि आज तक इन मिलीभगत करने वाले माफियाओं के प्रभाव के चलते उनकी बात को अनसुना कर दिया गया.


शफीकुल्लाह उन दावों को सिरे से नकारते हैं जिसमें मुख्तार बाबा ने दावा किया है कि शफीकुल्लाह जैसे लोग खुद संपत्तियों पर कब्जा करने में लगे रहते हैं. कई साल पहले भी इन लोगों ने ऐसा किया था और कामयाब नहीं हुए. जिसकी वजह से ये लोग मुख्तार बाबा के पीछे झूठी शिकायतें कराकर जांच करा रहे हैं. हाजी मुख्तार अहमद उर्फ मुख्तार बाबा ने भी कहा कि जिस जगह उनकी दुकान बेकनगंज में बाबा बिरियानी के नाम से है उसको भी लोगों ने यह कहकर शिकायत करवाई कि वह दुकान राम जानकी ट्रस्ट मंदिर के नाम की जगह पर बनाई गई लेकिन इसके भी कागजात उन्होंने पेश किए हैं.


मुख्तार बाबा ने अपनी सफाई में शिव शरण गुप्ता को भी पेश किया और मकान मालिक शिव शरण गुप्ता की माने तो जिस जगह मकान 14/A-B में नंबर में विभाजित है जिसमें एक हिस्से में राम जानकी मंदिर है तो दूसरे में बाबा बिरयानी की दुकान. मंदिर मौजूदा वक्त में खंडहर जैसी हालत में है. जिस राम जानकी मंदिर ट्रस्ट पर कब्जे की बात की जा रही है, उस मामले में 2019 में एक जांच की गई उसमें क्लीन चिट दी गई. उन्होंने फिर जांच कराई.


मुख्तार बाबा ने बताया कि इसमें कोई भी कब्जा नही किया गया.न ही कोई साक्ष्य मिले अब मुख्तार बाबा और अन्य सदस्यों का कहना है कि इस फर्जी संस्था की अधिकारियों से शिकायत कर जांच कराई जाएगी और इन पर कार्रवाई की मांग भी की जाएगी. फिलहाल मुख़्तार बाबा और शत्रु संपत्ति संघर्ष समिति आमने सामने हैं.और केंद्र के अभिरक्षक कार्यालय से इसपर उचित कार्रवाई का इंतज़ार है.


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