Kanpur Metro Rail: कानपुर को जल्द ही मेट्रो की सौगात मिलने जा रही है. हालांकि इससे पहले ही उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और कानपुर मेडिकल कॉलेज आमने-सामने आ गया है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने मेट्रो कॉरपोरेशन से 80 करोड़ से ज्यादा का मुआवजा मांगा है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का आरोप है कि कॉलेज की जमीन मेट्रो ने अधिग्रहित कर कई सारे पेड़ काट दिए, लेकिन उसका मुआवजा अब तक नहीं दिया गया. इसके चलते अराजकता भी बढ़ रही है. छुट्टा जानवर और आपराधिक प्रवृत्ति के लोग मेडिकल कॉलेज परिसर में खुलेआम घूम रहे हैं. शासन को शिकायती पत्र लिखकर अवगत भी करा दिया गया है.


बता दें कि कानपुर में 2 नवंबर से मेट्रो रेल चलाने की कोशिश है. बाकी बचा काम तेजी से पूरा किया जा रहा है. कानपुर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव आवाज को पत्र लिखा है इस पत्र में मेट्रो कॉरपोरेशन द्वारा मेडिकल कॉलेज की अनदेखी करने का और मुआवजा ना देने का आरोप लगाया गया है.


क्या है आरोप?
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ संजय काला की माने तो मेट्रो के निर्माण में करीब ढाई एकड़ जमीन मेडिकल कॉलेज परिसर की मेट्रो ने अधिग्रहित कर ली. करीब 250 के आसपास पेड़ों को मेट्रो परियोजना के चलते काट दिया गया, जिनमें डेढ़ सौ सागौन के हरे भरे वृक्ष भी थे. ना तो मेट्रो की तरफ से एक भी पेड़ लगाया गया और ना ही 80 करोड़ का मुआवजा दिया गया. इसके साथ ही जो जिम्मेदारियां अधिग्रहण के बाद मेट्रो कॉरपोरेशन निभाता है वह भी नहीं निभाई गई.


कॉलेज प्रशासन की 6 मांगें
कॉलेज प्रशासन ने शासन के सामने 6 मांगे रखी हैं. इसमें मेडिकल कॉलेज से आवासीय परिसर और अस्पताल के बीच अंडरपास बनाए जाने, 8 फुट ऊंची बाउंड्री वॉल बनाने, तीन भव्य गेट बनाने जिन्हें तोड़ा गया है, कॉलेज के बर्बाद हो चुके पार्कों का सुंदरीकरण करने, मेडिकल कॉलेज में स्पोर्ट्स कंपलेक्स का निर्माण करने और मेडिकल कॉलेज के छात्रों, शिक्षकों के वेलफेयर के लिए अन्य काम करने की मांग रखी गई हैं.


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