Kanpur News: विकास के लिए ढाई दशक से तरस रहा इलाका अब जाकर कहीं गुलजार होता दिख रहा है. इस दौरान कई चुनाव हुए, अधिकारी बदले, नेता बदले लेकिन क्षेत्र के विकास पर किसी भी नेता ने ध्यान नहीं दिया. लेकिन अब जाकर बीजेपी की महापौर ने अपने पार्षद सुनील तिवारी की गुहार पर विकास को रफ्तार देते हुए यहां के लोगों को बड़ी राहत दी है.
कानपुर के नौबस्ता क्षेत्र के आवास विकास हंसपुरम में ना पानी की व्यवस्था, न सड़कों की तबीयत दुरुस्त सड़कों पर बहता सीवर का पानी बेहद ही खराब स्थिति, क्षेत्रीय स्तर से लेकर शहर के अधिकारियों ने इस क्षेत्र के साथ मानों सौतेला व्यवहार किया हो. लेकिन अब महापौर प्रमिला पांडे ने इसकी सूरत बदलने का बीड़ा उठा लिया है और लंबे समय से विकास की आस में यहां के लोगों को अब अपनी उम्मीदें पर विकास के मरहम लगता हुआ दिख रहा है.
महापौर ने बदली इलाके की सूरतमहापौर के चलाए जा रहे आपके वार्ड कार्यक्रम के दौरान इस क्षेत्र को विकास की सूरत अब बदलना शुरू हुई है. इस क्षेत्र के पार्षद को क्षेत्रीय जनता ने इस बात के लिए चुना था कि शायद इसकी सूरत बदल जाएगी और उसी विश्वाद को कायम रखने के लिए पार्षद सुनील तिवारी ने बहुत जद्दोजहद की ओर बदहाली से बाहर लाने में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया.
क्षेत्रीय लोगों की माने तो यहां न तो पीने के लिए साफ पानी की कोई व्यवस्था थी. क्योंकि यहां सीवर की लाइन तक कभी नहीं बिछी थी, जिसके चलते पीने के पानी में सीवर का पानी मिक्स होता रहता था, जो बीमारी का घर बन रहा था. सड़कें खराब थी मानें गढ्ढे में सड़क है या सड़क में गढ्ढा ये बता पान भी मुश्किल था. लेकिन आपके वार्ड कार्यक्रम के चलते महापौर ने इस क्षेत्र को महज 15 दिन के अंदर ही विकास की रफ्तार को बढ़ाते हुए यहां की समस्या से लोगों को निजात देने की पहल कर दी. जिसके बाद यहां सीवर लाइन बिछी और उस पर इंटरलॉकिंग वाली सड़क का निर्माण शुरू हुआ.
मिशन 27 के लिए बीजेपी तैयारजब व्यवस्थाओं में बदलाव हुआ तो लोगों के चेहरे पर मुस्काना आई और जब दुबार महापौर उस बदहाल बोर्ड पर पहुंची तो लोगों ने अनोखे ढंग से महापौर और क्षेत्रीय पार्षद का अभिवादन और स्वागत भी किया, मिशन 27 के लिए बीजेपी अभी से अपनी जमीन विपक्ष के सामने और भी मजबूत करने की जुगत में हैं और नहीं चाहती है कि कहीं से बीजेपी को जनता की नाराजगी का समाना करना पड़े. जिसके चलते अब शहर के अलग अलग वार्ड में विकास की रफ्तार देखी जा सकती है.
मेयर अलग अलग तरीके से जनहित में काम करती हुई दिखाई दे रही है. अपनी बुनियाद जिसे पार्षद के चुनाव से गिना जाता है उसे मजबूत करने के लिए ही इस कदम को अहम माना जा रहा है. क्योंकि जब तक जमीन मजबूत नहीं होगी तब तक शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होगा. क्योंकि जनता से सीधे तौर पर बीजेपी के छोटे नेता ही जुड़ते होते हैं और वहीं किसी भी पार्टी के वोट बैंक को मजबूत करते हैं.
इस क्षेत्र के रहनेवाले स्थानीय लोगों की माने तो यहां लंबे समय से किसी ने कोई विकास नहीं कराया, हर किसी से बस आश्वासन मिलता था. लेकिन विकास नहीं मिला अब जाकर क्षेत्र की सूरत बदल रही है. हमें बस विकास चाहिए जो विकास करेगा हम उसके साथ हैं.
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