UP News: थर्ड जेंडर (Third Gender) यानी किन्नरों (Eunuch) को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में कानपुर प्रशासन (Kanpur Administration) की रुचि नहीं है. 3000 किन्नर आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. प्रशासन योगी सरकार के मंसूबों को पलीता लगाने में जुटा है. समाज कल्याण विभाग के पास भी किन्नरों का ब्योरा नहीं है. सरकारी दस्तावेजों में थर्ड जेंडर के बड़े समूह का जिक्र नहीं है. समाज कल्याण अधिकारी त्रिनेत्र कहते हैं कि सरकार थर्ड जेंडर वर्ग के लिए योजनाएं चला रही है.


प्रशासन को नहीं है किन्नरों के कल्याण की सुध


विभाग के पास 19 किन्नरों का ब्योरा मौजूद है. सरकार की तरफ से दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में किन्नरों को पूरी तरह जानकारी नहीं है. उन्होंने बताया कि ट्रांसजेंडर कार्ड के नहीं होने से सरकारी योजनाओं का लाभ दिला पाना मुश्किल हो रहा है. बता दें कि सरकार किन्नर कल्याण बोर्ड की स्थापना कर चुकी है. किन्रर कल्याण बोर्ड की स्थापना का उद्देश्य वंचित समाज तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है. जिला प्रशासन के रुचि नहीं लेने से किन्नर आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.


विभाग ने फोड़ा जागरुकता की कमी का ठीकरा


जिम्मेदार अधिकारी कार्ड नहीं होने का ठीकरा किन्नरों पर फोड़ते हैं. हालांकि धरातल पर योजनाओं को उतारने की जिम्मेदारी अधिकारियों की है. कानपुर में अधिकारी कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहण नहीं कर रहे हैं. भारत सरकार ने भी ट्रांसजेंडर पोर्टल लॉन्च किया है. किन्नर पोर्टल पर पंजीकरण करा सकते हैं. कानपुर का प्रशासन किन्नरों को कार्ड बनवाने के लिए जागरुक नहीं कर रहा है. किन्नरों के इलाकों में नाली, सड़क, बिजली और पानी का प्रबंध नहीं है. इसलिए किन्नरों की जिंदगी बदहाल है. अधिकारी किन्नरों में योजनाओं के प्रति जागरुकता की कमी होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेते हैं.


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