Uttar Pradesh News: कानपुर देहात (Kanpur Dehat) के लालपुर सरैया गांव में पुलिस कस्टडी में हुई शख्स की मौत को लेकर परिजनों ने जमकर बवाल किया. मृतक के परिजनों ने पुलिस का घेराव किया. मौके पर बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले (BJP MP Devendra Singh Bhole) भी पहुंचे. घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस प्रशासन और परिवार के बीच समझौता हुआ.


बता दें कि यहां बलवंत पुलिस (Kanpur Dehat Police) कस्टडी में काल के गाल में समा गया था. मृतक बलवंत के परिजन 5 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) से लेकर अधिकारियों तक न्याय की मांग कर रहे थे. बवाल इस कदर बढ़ा कि पुलिस के हाथ पांव फूल गए. बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले की मौजूदगी में पुलिस प्रशासन और परिवार के बीच एक लिखित समझौता हुआ. 


समझौते में मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी का आश्वासन और मुआवजे के तौर पर साढ़े 4 लाख की राशि, बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल और उनके भरण-पोषण की व्यवस्था की बात कही गई. परिजनों के गुस्से को इस सहायता के माध्यम से शांत करने का प्रयास किया गया जिसके बाद परिजन शव का अंतिम संस्कार करने को तैयार हो गए. परिजनों की रजामंदी के बाद पुलिस की जान में जान आई.


डीएम ने क्या कहा
जिलाधिकारी नेहा जैन ने मीडिया से बताया कि मृतक के परिवार की हर संभव मदद की जा रही है. घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. बच्चों के पढ़ने की व्यवस्था और उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी जिला प्रशासन लेगा. साथ ही रहने के लिए 4 बीघा भूमि की व्यवस्था भी की जाएगी. वहीं जिलाधिकारी ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एसआईटी जांच कराने की भी बात कही है. उन्होंने कहा कि, रिटायर जज के माध्यम से इस पूरी घटना की जांच की जाएगी.


सांसद ने क्या कहा
बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह ने बताया कि मृतक का परिवार उनके अपने परिवार की तरह है. उस परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर संभव मदद की जाएगी. मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी, बच्चों के पढ़ने और रहने के लिए व्यवस्था के साथ ही 4 बीघे जमीन उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि जो दोषी पुलिसकर्मी हैं उनके खिलाफ जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि फिलहाल पुलिस प्रशासन और परिवार के बीच भले ही समझौता हो गया हो लेकिन जिंदगी से जाने वाले बलवंत की कमी उस परिवार को ताउम्र खलेगी. सवाल अभी भी जस का तस बना हुआ है कि आखिर कैसे पुलिस ने पूछताछ के नाम पर एक शख्स को मौत के घाट उतार दिया.


UP Caste Census: अब अखिलेश यादव ने रखी जातिगत जनगणना की मांग, बताया क्यों है जरूरी?