विश्व हिंदू परिषद की नेता साध्वी प्राची शनिवार को कन्नौज दौरे पर पहुंचीं. साध्वी प्राची ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिला के चेहरे से नकाब हटाने का खुलकर समर्थन किया है. इस दौरान साध्वी प्राची ने इस्लामिक नीतियों, मुस्लिम महिलाओं के नकाब, नौकरी और धार्मिक मान्यताओं को लेकर तीखे सवाल खड़े किए. इस पूरे विवाद के बीच साध्वी प्राची ने सवाल उठाया कि जब सरकारी सुविधा लेने आई किसी महिला का नकाब हटवाया जाता है, तो इसे गलत क्यों ठहराया जा रहा है.
'कुरान के अनुसार सरकारी सुविधाओं का लाभ लेना हराम'
साध्वी प्राची ने तर्क दिया कि एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान, राशन लेने में, आधार कार्ड बनवाने में पहचान के लिए नकाब हटाया जाता है, तो फिर सरकारी कार्य में ऐसा करना गलत कैसे हो सकता है? जो लोग इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बना रहे हैं, वे बताएं कि कुरान क्या कहता है? कुरान के अनुसार सरकारी सुविधाओं का लाभ लेना हराम माना गया है, फिर मुस्लिम महिलाएं ये सुविधाएं क्यों ले रही हैं. साध्वी प्राची ने मुस्लिम महिलाओं से सवाल करते हुए कहा कि वे कुरान को मानती हैं या नहीं. उन्होंने झारखंड में मुस्लिम महिलाओं को मिल रहे नौकरी के प्रस्तावों पर भी टिप्पणी की और कहा कि कुरान महिलाओं को मस्जिद जाने और नौकरी करने की अनुमति नहीं देता.
'नौकरी के लिए महिलाएं धार्मिक आदेशों का नहीं कर रहीं पालन'
उनका आरोप था कि नौकरी की चाह में महिलाएं धार्मिक आदेशों का पालन नहीं कर रहीं और लालच में आ गई हैं. जो महिलाएं नौकरी के लिए आगे आ रही हैं, वे अल्लाह, कुरान और मोहम्मद साहब के आदेशों का उल्लंघन कर रही हैं.
पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सरकार बनने का दावा
साध्वी प्राची ने पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद निर्माण पर कहा कि बाबर की कोई भी निशानी हिंदुस्तान में नहीं रहनी चाहिए. बाबर चोर, लुटेरा, आतंकी और बलात्कारी था. अभी पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार है, लेकिन चुनाव के बाद वहां बीजेपी की सरकार बनेगी और फिर बाबर के नाम पर कुछ भी नहीं बचेगा.