कानपुर. कोरोना काल ने हर किसी को परेशान किया. लोगों की नौकरियां तक चली गयी. वहीं, अनलॉक होने के बाद भी काकादेव में सन्नाटा फैला हुआ है. काकादेव जो मिनी कोटा के नाम से जाना जाता है. यहां पर सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाती है. यही वजह है कि, यहां पर हर साल हजारों छात्र यूपी और बिहार से आकर पढ़ाई करते हैं. छात्रों की वजह से यहां तमाम लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है. लेकिन कोरोना के कारण बीते सात महीने से कोचिंग बन्द हैं, जिस कारण बहुत से लोग प्रभावित हुये हैं.


काकादेव कोचिंग मंडी में हर साल लगभग 30 से 40 हज़ार स्टूडेंट्स तैयारी करने आते थे. जिसकी वजह से यहां पर कोचिंग संचालकों के अलावा टिफिन सर्विस, पीजी और रेंट रूम सर्विस, और न जाने कितने लोगों को रोजगार मिला हुआ था, लेकिन कोरोना के कारण कोचिंग बन्द हैं और यही कारण है कि पूरी काकादेव कोचिंग मंडी में वीरानी छाई है.



कोचिंग संचालकों का दर्द


कोचिंग संचालक का कहना है कि कोचिंग पिछले छह महीने से बंद है लेकिन उनको जो खर्चे हैं, वो सब देने ही पड़ रहे हैं फिर वो किराया हो या उनसे जुड़े लोगों की सैलरी तो बहुत समस्या का सामना करना पड़ रहा है. संचालक का कहना है कि सरकार इस ओर भी ध्यान दे और जैसे सब चीज अनलॉक की गयी हैं वैसे ही कोचिंग को खोलने के निर्देश दिए जाएं जिससे कि सभी काम सामान्य हो सके.


हॉस्टल संचालक की माने तो स्टूडेंट की वजह से ही उनके हॉस्टल चल रहे थे, यही नहीं हॉस्टल के कारण, कपड़े धुलने वाले, प्रेस वाले, सब्जी वाले, दूध वाले बहुत से लोगों का रोजगार चल रहा था लेकिन वर्तमान में सब कुछ थम सा गया है. मकान खाली है लेकिन हर महीने टैक्स और बिल कमर्शियल वाला ही देना पड़ रहा है.


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