उत्तराखंड के रामनगर में स्थित विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) को बाघ (Tiger) के जनसंख्या घनत्व के लिए जाना जाता है.कॉर्बेट का वातावरण बाघ व अन्य वन्यजीवों के लिए अनुकूल माना जाता है.इसके चलते कॉर्बेट में बाघ, हाथी, गुलदार सहित अन्य वन्यजीवों की संख्या में बढोतरी हो रही है. वहीं कॉर्बेट के दलदली क्षेत्रों में पाए जाने वाले हॉग डीयर को कॉर्बेट का वातावरण रास नहीं आ रहा है.इस वजह से हॉग डीयर की संख्या तेजी से घट रही है. हॉग डीयर एक प्रकार की हिरण की प्रजाति होती है.जो अन्य हिरण की प्रजातियों से दुर्लभ होती है.हॉग डीयर नदी के आसपास दलदली क्षेत्र में रहते हैं.


कॉर्बेट प्रशासन ने तैयार कराई है योजना


कॉर्बेट के डरेक्टर राहुल ने बताया कि हॉग डियर की गतिविधियों को मॉनिटर कर एक प्रस्ताव तैयार किया गया है.इस प्रस्ताव के पास हो जाने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.


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आपको बता दें कि 1977 में कॉर्बेट में 1125 हॉग डियर थे. वही 2000 में इनकी संख्या घटकर 294 और 2008 में 233 हो गई थी.जिम कॉर्बेट में कई सालों से हॉग डियर की जनसंख्या तेजी से काम हो रही है.इसे देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने पिछले साल कॉर्बेट में हॉग डियर की गणना करवाई थी.इसमें केवल 100 हॉग डीयर ही मिले. इस चौकाने वाले नतीजे आने से अधिकारियों की चिंता बढ़ गई थी.इसके बाद पार्क निदेशक ने कॉर्बेट में हॉग डियर के मूवमेंट को मॉनिटर करने के निर्देश दिए थे.


कालगढ़ डैम बनने के बाद घटी संख्या


कॉर्बेट के डायरेक्टर राहुल ने बताया कि कालगढ़ डैम बनने के बाद कॉर्बेट में हॉग डियर की संख्या घटी है. इसे मॉनिटर कर हॉग डियर के संरक्षण के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजा गया है.उन्होंने कहा कि प्रस्ताव पास होते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.


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