Jhansi News: सरकार 'हर घर नल, हर घर जल' का दावा करती है, झांसी (Jhansi) शहर की कहानी कुछ अलग ही है. यहां पर हर घर में नल तो है लेकिन उसमें जल नहीं है. हालांकि ये पानी पहले तो आता था लेकिन पिछले काफी समय से पानी आना बंद हो गया है. ऐसे में लोगों को टैंकर खरीदना पड़ रहा है और जल संस्थान का बिल भी भरना पड़ता है. वहीं दूसरी तरफ विभाग का कहना है कि पानी का प्रेशर कम होने की वजह से ये परेशानी हो सकती है. दिलचस्प बात ये हैं पिछले दिनों झांसी दौरे पर पहुंची कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वो निकाय चुनाव में हर घर जल योजना के बारे में बताएं.

  


झांसी सिविल लाइन का यह मिशन कंपाउंड इलाका है. 3 साल पहले यहां बहुत शानदार पेयजल सप्लाई का नलों में पानी आता था. मगर अब स्थिति एकदम बदल चुकी है. अब यहां नल तो रह गए हैं लेकिन उनमें पानी नहीं आ रहा है. ये हाल सिर्फ मिशन कंपाउंड इलाके का ही नहीं है, मेडिकल कॉलेज के पास करगुवां इलाके में भी यही हाल है. यहां पर भी पहले नलों में जल आता था और अब ये बंद हो गया है. इलाके के लोगों ने कई बार शिकायतें की है लेकिन कोई असर दिखाई नहीं देता है. 


टैंकर से पानी खरीदने को मजबूर लोग


इस इलाके में रहने वाले एक न्यूजपेपर के पूर्व संपादक बंशीधर मिश्र का कहना है कि वो पानी नहीं आने से बहुत परेशान हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि अगर यही हाल रहा तो वो इस इलाके को ही छोड़ देंगे. वहीं यहां रहने वाली महिलाओं का कहना है कि हमारे घरों में पानी तो आता नहीं है, हमें टैंकरों से पानी खरीदकर लेना पड़ता है, बावजूद इसके पानी का बिल भी जमा करना पड़ रहा है. मिशन कंपाउंड इलाके में लोगों को 500-600 रुपये तक में टैंकर खरीदना पड़ता है.  


इस पूरे मामले पर अधिशासी अभियंता रमाशंकर का कहना है कि पानी की समस्या को देखते हुए वो टैंकर भेज रहे हैं. आबादी बढ़ जाती है नैनो के कनेक्शन बढ़ जाते हैं, ऐसे में पानी के प्रेशन की समस्या आ जाती है. उन्होंने कहा कि यहां तमाम योजनाएं चल रही है. एक साल में समस्या दूर होगी. उन्होंने यह भी बताया है कि गर्मी के समय में 28 वार्डों में यह समस्या होती है.


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