Gorakhpur Manish Gupta Case: कानपुर से साल 2018 में ट्रांसफर होकर गोरखपुर आए हत्‍या के आरोपी निलंबित रामगढ़ताल थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह के किस्‍सों की फेहरिस्‍त लंबी है. नेताओं से दूरी और अधिकारियों के चहेते बने रहने के साथ थानेदारी पाने के लिए मशहूर गोरखपुर के अलग-अलग थानों पर रह चुके जगत नारायण को लोग नकद नारायण के नाम से भी जानते हैं. कानपुर के व्‍यापारी की हत्‍या के आरोप में निलंबित रामगढ़ताल थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह फरार चल रहा हैं. ऐसे में हम पहुंचे हैं, इसी थानाक्षेत्र के एक पीडि़त के पास, जो अगस्‍त माह में अपने बेटे को खो चुके हैं. न्‍याय नहीं मिलने पर वे जगत नारायण और थाने के सिपाहियों को कोस रहे हैं.


मनीष गुप्ता की संदिग्ध हालात में हुई थी मौत 


गोरखपुर के रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के देवरिया बाईपास के पास होटल कृष्‍णा पैलेस में कानपुर के व्‍यापारी मनीष गुप्‍ता की संदिग्‍ध परिस्थितियों में पुलिस की दबिश के दौरान मौत हो गई. इस मामले में दबिश देने गए जगत नारायण सिंह, चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा, उप निरीक्षक विजय यादव को आईपीसी की धारा 302 के तहत आरोपी बनाया गया. तीन अज्ञात के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ. हालांकि मृतका की पत्‍नी मीनाक्षी ने तीनों के अलावा एसआई राहुल दुबे, हेड कांस्‍टे‍बल कमलेश यादव और कांस्‍टेबल प्रशांत कुमार को तहरीर में आरोपी बनाया था.


अधिकारियों का खास बन जाने की कला


फरार जगत नारायण सिंह को साल 2018 में गोरखपुर के झंगहा थाने में तैनाती मिली. इसके पहले वो कानपुर में तैनात रहा है. झंगहा के बाद गगहा और फिर बांसगांव में तैनात रहे जगत नारायण को लोग अच्‍छी तरह से पहचानने लगे थे. इसी साल जनवरी में जगत नारायण को रामगढ़ताल थाने में तैनाती मिली. अधिकारियों का खास बन जाने की कला जानने वाला जगत नारायण सिंह के चर्चे यहां भी आम होने लगे. लखनऊ-बाराबंकी रोड के चिनहट पर जमीन खरीदकर करोड़ों रुपए का आलीशान मकान बनवाने वाले जगत नारायण और दूसरे आरोपी उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा भी कांस्‍टेबल से विभागीय परीक्षा पास कर उप निरीक्षक बने. इसके बाद जगत नारायण आउट आफ टर्म इंस्‍पेक्‍टर बन गया. बाराबंकी में तैनाती के दौरान भी जगत नारायण और अक्षय मिश्रा की दोस्‍ती के किस्‍से खूब आम हुए. नेताओं से दूरी बनाकर रखने वाले जगत नारायण सिंह ने अधिकारियों को हमेशा खास बनाए रखा. यही वजह है कि तीन साल से अधिक समय से गोरखपुर में तैनाती के दौरान उसे हर उस मालदार थाने में तैनाती मिली, जहां वो जगत नारायण से नकद नारायण बन सकता रहा है.


जगत नारायण के पुराने किस्से आए सामने 


इस प्रकरण के बाद जगत नारायण के पुराने किस्‍से भी चर्चा में आने लगे. 13 अप्रैल को रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के लहसड़ी के बरबसपुर के रहने वाले 72 वर्षीय अमर सिंह के पांच बेटों में सबसे छोटे बेटे गौतम सिंह को खो चुके हैं. वे बताते हैं कि गायघाट में एक युवती ने काल कर 13 अगस्‍त की भोर में बताया कि उसके बेटे को उसके परिवार के लोग मार डालेंगे. उसका दूसरे नंबर का बेटा उपेन्‍द्र सिंह का ससुराल भी युवती के घर के पास है. वो थाने पर पहुंचा. थोड़ी देर बाद अमर सिंह भी थाने पर पहुंचे. लहसड़ी चौराहा पर साइकिल और स्‍टोव की दुकान करने वाले अमर मंदिर के पुजारी भी हैं. उन्‍होंने खुद मंदिर बनवाया है. वे बताते हैं कि जब वे थाने पर पहुंचे, तो एसओ जगत नारायण भोर में थाने पर नहीं थे.


 पीड़ित सीएम से लगाएंगे गुहार 


उनके बेटे को अधमरे हाल में सिपाही अस्‍पताल से थाने लेकर चले आए. उसके बाद काफी मान-मनौव्‍वल के बाद वे जब उसे थाने लेकर जाने के लिए उठे, उसी समय उन्‍हें रास्‍ते में आभास हुआ कि बेटे का शरीर ठंडा पड़ रहा है. वे उसे लेकर सदर अस्‍पताल पहुंचे, जहां चिकित्‍सकों ने उन्‍हें मृत घोषित कर दिया. वे रामगढ़ताल प‍ुलिस को कोसते हुए कहते हैं कि उसके बेटे को पुलिसवाले अस्‍पताल से थाने नहीं लाते तो शायद उसकी जान वे बचा लेते. इसके बाद भी उन्‍हें न्‍याय नहीं मिला. थाना प्रभारी जगत नारायण के पास उन्‍होंने शिकायत करते हुए जान के खतरे और सिर्फ एक आरोपी के पकड़े जाने की शिकायत की, तो उन्‍होंने उनकी मदद नहीं की. वे कहते हैं कि उन्‍हें न्‍याय नहीं मिला. अब वे मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के पास अपनी गुहार लेकर जाएंगे.


आज भी मिलती हैं धमकियां 


मृतक गौतम सिंह के बड़े भाई उपेन्‍द्र सिंह और 13 अगस्‍त को दिए बयान में उनकी पत्‍नी राधा कहती हैं कि जब उनके भाई को पुलिसवाले गंभीर हाल में अस्‍पताल लेकर गए, तो उन्‍हें ये समझ में नहीं आता है कि उसे थाने पर क्‍यों लाया गया. थाने पर लाने के बाद जब वे उसे दोबारा ले जाने लगे, तो थाने में ही उसकी दम तोड़ दिया. वे कहते हैं कि समय पर उनके भाई को इलाज मिल जाता, तो उनके भाई की जान बच जाती. वे बताते हैं कि उसकी जान लेने वाले आज भी धमकियां दे रहे हैं. लेकिन थाना प्रभारी रहे जगत नारायण सिंह से कई बार शिकायत के बाद भी एक आरोपी को ही गिरफ्तार किया गया. उसके बेटे और अन्‍य अज्ञात आज भी खुलेआम घूम रहे हैं. वे मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से मिलेंगे और न्‍याय की गुहार लगाएंगे. उनके भाई का मोबाइल भी आज तक नहीं मिला.



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