Ram Janmabhoomi Temple: इस बार श्री राम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान राम लला 30 अगस्त को राखी बांधेंगे. यह राखी उड़ीसा के जगन्नाथ धाम मंदिर की तरफ से रामलला के लिए आई है और इस राखी को उड़ीसा के पुजारी जनार्दन पट्टा जोशी महापात्रा ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को को सौंपा है. इस राखी के साथ उन्होंने जगन्नाथ मंदिर का ध्वज भी उन्होंने रामलला के पुजारी को समर्पित किया है. 


आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं की उड़ीसा के भगवान जगन्नाथ और अयोध्या के भगवान श्रीराम में बहुत नजदीकी रिश्ता और अभिन्नता है. इसीलिए 30 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन जगन्नाथ मंदिर से आई हुई राखी को रामलला को पूजन अनुष्ठान के बाद बांधा जाएगा. दो राखियों का यह सेट हाथ से निर्मित है और आम राखियों से काफी बड़ा भी है. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि रक्षाबंधन के दिन राखी बांधी जाती है. उड़ीसा के जगन्नाथ मंदिर के प्रधान अर्चक आय रामलाल का दर्शन किए उसके बाद हमसे मिल करके राखी दिए.


बता दें कि अयोध्या में राममंदिर भूमि पूजन की तीसरी वर्षगांठ में भव्य मंदिर आकार ले रहा है. भूमि पूजन के तीन साल बीत गए हैं और मंदिर के तरीबन 70 फीसदी काम होने का दावा भी किया जा रहा है. वहीं ट्रस्ट की ओर से मिली जानकारी के अनुसार मंदिर का गर्भगृह बनकर तैयार है, तो प्रथम तल के स्तंभों को भी लगाने का काम प्रारंभ कर दिया गया है. प्रथम तल पर रामदरबार की स्थापना होगी और जनवरी 2024 में राममंदिर भक्तों के लिए खुल जाएगा.


वहीं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, संघ व विहिप तैयारियों में जुटा है. राममंदिर के समानांतर ही रामनगरी भी नए रूप में आकार ले रही है और इन तीन सालों में रामनगरी में भक्तों की संख्या चार गुना बढ़ गई है. इसलिए यहां यात्री सुविधाएं विकसित करने की गति भी तेज हो चली है. मंदिर निर्माण के साथ-साथ श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन की व्यवस्था में मंदिर के चारों तरफ परकोटे का निर्माण कार्य भी बेहद तेज गति से चल रहा है.


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