Gorakhpur News: भारत व नेपाल के बीच समग्र शैक्षिक-सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर तथा नेपाल के लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय ने एक साझा पहल की है. गुरुवार को दोनों विश्वविद्यालयों के बीच इसे लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता करार (एमओयू) हुआ. महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की तरफ से कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी और नेपाल के लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुबर्ण लाल बज्राचार्य ने एमओयू पर हस्ताक्षर कर इसका आदान-प्रदान किया.


एमओयू के अनुसार दोनों विश्वविद्यालय शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में विद्यार्थी विनिमय कार्यक्रम के साथ ही शोध और नवाचार की दिशा में मिलकर काम करेंगे. एमओयू पर हस्ताक्षर करने के बाद लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुबर्ण लाल बज्राचार्य ने कहा कि भारत और नेपाल के सांस्कृतिक अंतर संबंध मानव सभ्यता और संस्कृति के इतिहास जितने ही प्राचीन हैं. दोनों देशों की साझी सांस्कृतिक विरासत है और इसे आपसी शैक्षिक कार्यक्रमों से संरक्षित और संवर्धित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ और महात्मा बुद्ध भारत-नेपाल के आपसी रिश्ते की मजबूत कड़ी हैं.


'दोनों देशों की संस्कृति का होगा मिलन'
कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने अपने नेपाली समकक्ष का स्वागत करते हुए कहा कि यह दो विश्वविद्यालयों के बीच एमओयू तो है ही, दो देशों की साझा सांस्कृतिक को एक साथ मिलकर बचाने, बढ़ाने और जीने का अभियान है. उन्होंने कहा कि दोनों विश्वविद्यालय ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मंच पर कार्य करेंगे ही, साथ ही दोनों देशों के बीच संबंधों की डोर मजबूत किए रहने के प्रति भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. तकनीकी, नवाचार और नए उभरते क्षेत्रों में आपसी सहयोग एवं सहभाग का आदर्श मानक स्थापित करेंगे. उन्होंने कहा कि आज दोनों देशों के मध्य शैक्षणिक गतिविधियों के साथ साझी संस्कृति का भी मिलन हो रहा है.


 दोनों विश्वविधालय अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में होंगे स्थापित
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर ने शैक्षणिक गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के उद्देश्य से यह एमओयू किया है.आपसी समन्वय से महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय व लुंबिनी बौद्ध  विश्वविद्यालय नेपाल शिक्षा, स्वास्थ और संस्कृति के क्षेत्र में नया इतिहास रचेंगे. नेपाली प्रतिमंडल के बसंत आचार्य (कैंपस प्रमुख, मेट्रो कॉलेज डांग) ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) से बौद्ध दर्शन, साहित्य, शिक्षा, इतिहास, पुरातत्व और संस्कृति के क्षेत्रों में शिक्षण और अनुसंधान के लिए  लिए दोनो विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में स्थापित होंगे. 


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