भारत में एक राज्य के विधायी निकाय को राज्य विधानसभा कहा जाता है. जिस तरह केंद्र सरकार के पास विधायी निकाय के रूप में संसद होती है, उसी तरह राज्यों की अपनी-अपनी राज्य विधानसभाएं होती है. हालाँकि, संसद द्वारा पारित कानून पूरे देश पर लागू होता है. जबकि, राज्य विधान सभा द्वारा पारित कानून केवल राज्य पर लागू होता है.


एक सदनीय विधानमंडल का सीधे शब्दों में अर्थ विधानसभा से है वहीं द्विसनीय प्रणाली में किसी विधानसभा के अलावा विधानपरिसद होता है. जिसे क्रमशः निम्न सदन और उच्च सदन के नाम से जाना जाता है. 28 राज्यों में से 6 राज्यों में द्विसदनीय राज्य विधायिका है.


विधायक किसे कहते हैं


विधानसभा विधायकों से मिलकर बना हुए एक संवैधानिक ढांचा है. सीधे तौर पर एक प्रतिनिधि निर्वाचन क्षेत्र के लोगों द्वारा चुना जाता है और वह विधान सभा का सदस्य बनता है. विधायक 5 साल के लिए चुने जाते हैं. एक प्रतिनिधि किसी पार्टी या स्वतंत्र रूप से विधानसभा चुनाव में भाग ले सकता है. 


विधायक बनने की योग्यताएं



  • वह भारत का नागरिक होना चाहिए.

  • उसकी न्यूनतम उम्र 25 साल होनी चाहिए.

  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार एक व्यक्ति को उस राज्य के किसी भी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए निर्वाचक होना चाहिए.

  • वह किसी भी केंद्र सरकार या राज्य सरकार के अधीन लाभ के पद पर न हो.

  • वह पागल या दिवालिया न हो.


विधायक की सैलरी


विधायक के वेतन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार देश में संबंधित राज्य विधानसभाओं द्वारा तय किया जाता है. हालांकि एक राज्य के विधायकों की सैलरी दूसरे राज्यों के विधायकों की सैलरी में अंतर है. तेलंगना के विधायकों की सैलरी सबसे अधिक है वहीं सबसे कम त्रिपुरा के विधायकों की सैलरी है.


         राज्य                          सैलरी प्रति माह



  1. तेलंगना                       2,50,000 रुपये

  2. दिल्ली                         2,10,000 रुपये

  3. उत्तर प्रदेश                  1,87,000 रुपये

  4. महाराष्ट्र                      1,70,000 रुपये

  5. जम्मू एवं कश्मीर          1,60,000 रुपये

  6. उत्तराखंड                    1,60,000 रुपये

  7. आंध्र प्रदेश                   1,30,000 रुपये

  8. हिमाचल प्रदेश             1,25,000 रुपये

  9. राजस्थान                   1,25,000 रुपये

  10. गोवा                          1,17,000 रुपये

  11. हरियाणा                    1,15,000 रुपये

  12. पंजाब                        1,14,000 रुपये

  13. झारखंड                     1,11,000 रुपये

  14. मध्य प्रदेश                 2,10,000 रुपये

  15. छत्तीसगढ़                 1,10,000 रुपये

  16. बिहार                        1,14,000 रुपये

  17. पश्चिम बंगाल            1,13,000 रुपये

  18. तमिलनाडु                 1,05,000 रुपये

  19. कर्नाटक                       98,000 रुपये

  20. सिक्किम                     86,500 रुपये

  21. केरल                          70,000 रुपये

  22. गुजरात                       65,000 रुपये

  23. ओडिशा                       62,000 रुपये

  24. मेघालय                      59,000 रुपये

  25. पुदुचेरी                        50,000 रुपये

  26. अरुणाचल प्रदेश            49,000 रुपये

  27. मिजोरम                      47,000 रुपये

  28. असम                          42,000 रुपये

  29. मणिपुर                       37,000 रुपये

  30. नागालैंड                      36,000 रुपये

  31. त्रिपुरा                          34,000 रुपये


इसके अलावा विधायकों को अन्य भत्ते भी मिलते हैं. उत्तर प्रदेश में एक विधायक को 5 साल में विधायक निधि से 7.5 करोड़ रुपये काम कराने के लिए मिलता है.


विधायक का कार्यकाल खत्म होने के बाद 30 हजार रुपये पेंशन के रूप में मिलता है इसके अलावा 8,000 रुपये फ्यूल खर्च और आजीवन मुफ्त रेलवे पास और मेडिकल सुविधाएं मिलती है.


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