नवाबी अंदाज और लजीज पकवानों के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी बड़ी पहचान मिली है. यूनेस्को ने लखनऊ को उसकी समृद्ध और विविध पाककला विरासत (Culinary Heritage) के लिए 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' की सूची में शामिल किया है. यह उपलब्धि न केवल लखनऊ के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है.

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संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने शुक्रवार (31 अक्टूबर) को 58 नए शहरों को यूनेस्को के 'क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (UCCN)' में शामिल करने की घोषणा की. इस सूची में अब 100 से अधिक देशों के कुल 408 शहर शामिल हो चुके हैं. यूनेस्को की इस पहल का उद्देश्य उन शहरों को सम्मानित करना है जो संस्कृति और रचनात्मकता को सतत विकास का आधार बनाते हैं.

लखनऊ की समृद्ध पाककला विरासत को मिली वैश्विक पहचान

भारत के स्थायी प्रतिनिधिमंडल ने इस उपलब्धि पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि भारत के लिए गर्व का क्षण है. लखनऊ की समृद्ध पाककला विरासत को अब वैश्विक पहचान मिली है. यह घोषणा विश्व नगर दिवस 2025 (30 अक्टूबर) के अवसर पर की गई. लखनऊ को 'पाककला' श्रेणी में यह सम्मान दिया गया है. यह शहर अपने अवधी व्यंजनों, कबाब, बिरयानी, चाट और मिठाइयों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. लखनऊ की गलियों में बसने वाला यह स्वाद अब यूनेस्को की सूची में जगह बनाकर वैश्विक मंच तक पहुंच गया है.

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सामाजिक एकता को मजबूती देना जरूरी- ऑड्रे अजोले

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने कहा कि रचनात्मक शहर यह साबित करते हैं कि संस्कृति और क्रिएटिव उद्योग केवल परंपरा नहीं, बल्कि विकास के ठोस प्रेरक हैं. ये शहर स्थानीय पहलों को समर्थन देते हैं, निवेश को आकर्षित करते हैं और सामाजिक एकता को मजबूती देते हैं. वर्ष 2004 में स्थापित 'यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क' का उद्देश्य ऐसे शहरों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है जो कला, संस्कृति और नवाचार के माध्यम से रोजगार, सामाजिक सामंजस्य और सतत विकास को आगे बढ़ाते हैं.

दुनिया के नक्शे में लखनऊ की रसोई को ले आया यह सम्मान

लखनऊ के साथ इस सूची में संगीत के लिए किसुमु (केन्या) और न्यू ऑरलियंस (अमेरिका), डिजाइन के लिए रियाद (सऊदी अरब), पाककला के लिए मातोसिन्होस (पुर्तगाल) और कुएनका (इक्वाडोर), फिल्म के लिए गीजा (मिस्र), तथा साहित्य के लिए एबरिस्टविथ (ब्रिटेन) जैसे शहरों के नाम भी शामिल हैं.

यह सम्मान न केवल लखनऊ की रसोई को दुनिया के नक्शे पर ले आया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत की संस्कृति और परंपरा आधुनिक वैश्विक पहचान का हिस्सा बन रही है.