नोएडा. नोएडा में बिल्डरों के लिए आज का दिन निर्णायक साबित हुआ है. नोएडा अथॉरिटी द्वारा दी गई बकाया भुगतान की अंतिम डेडलाइन शुक्रवार को समाप्त हो गई, लेकिन अब भी कई बिल्डरों ने अपनी बकाया राशि जमा नहीं की है.
अथॉरिटी के अनुसार, शहर के विभिन्न सेक्टरों में चल रही परियोजनाओं पर करीब 5200 करोड़ रुपये का बकाया अब भी बाकी है. भुगतान न होने की वजह से 15,000 से अधिक फ्लैट्स की रजिस्ट्री अटकी हुई है, जिससे हजारों होम बायर्स अपने सपनों का घर मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
दो दिन पहले ही अंतिम नोटिस भेजा गया था- नोएडा अथॉरिटी
नोएडा अथॉरिटी की एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने बताया कि अथॉरिटी की 57 बिल्डर परियोजनाओं में से 43 बिल्डरों को दो दिन पहले ही अंतिम नोटिस भेजा गया था. इसके बावजूद अधिकांश बिल्डरों ने अब तक न तो पूरी और न ही आंशिक राशि जमा की है. कुछ बिल्डरों ने अथॉरिटी से संपर्क जरूर किया, लेकिन बकाया भुगतान में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई.
अथॉरिटी ने दिए कई मौके
गौरतलब है कि अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिशों के तहत बिल्डरों को पहले से राहत दी गई थी. उन्हें बकाया रकम आसान किस्तों में चुकाने की सुविधा और ब्याज दरों में छूट का विकल्प मिला था. इस पहल से बिल्डरों और खरीदारों दोनों को राहत मिलने की उम्मीद थी. अगर बिल्डर बकाया का कुछ हिस्सा भी चुका देते, तो अथॉरिटी उन्हें रजिस्ट्री शुरू करने की अनुमति दे देती, जिससे खरीदार अपने फ्लैट की रजिस्ट्री कराकर मालिकाना हक पा सकते थे. अगर अथॉरिटी ने कार्रवाई शुरू की, तो बिल्डरों की परियोजनाओं पर रोक, भूखंड की नीलामी या अन्य दंडात्मक कदम उठाए जा सकते हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि 5200 करोड़ के इस बकाया संकट से नोएडा का रियल एस्टेट सेक्टर कब तक उभर पाता है.
हालांकि अधिकांश बिल्डरों के भुगतान न करने के कारण यह राहत अधर में लटक गई है. अथॉरिटी अब सख्त रुख अपनाने की तैयारी में है. वंदना त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि डेडलाइन खत्म होने के बाद अब सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह मामला आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा, जहां तय किया जाएगा कि भुगतान न करने वाले बिल्डरों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाएं.