Pithoragarh News: सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ में मूलभूत आवश्यकताओं के नाम पर सुविधाएं देने के लिए दावे लाख किए जाते हैं पर हकीकत इससे हटकर है. जिला अस्पताल मे पूरे जिले के साथ ही नेपाल से लगे होने के कारण नेपाल से आने वाले मरीजों का दबाव भी बना रहता है. अभी बदलते मौसम से टाइफाइड, डायरिया, वायरल, पीलिया के साथ चर्म रोगों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. प्रतिदिन अस्पताल मे डेढ़ हजार के करीब ओपीडी के मरीज आ रहे है. 


मरीज अस्पताल के बरामदों में रहने को हैं मजबूर 
गंभीर मरीजों को अस्पताल मे भर्ती किया जा रहा है पर बेड खाली नहीं होने से मरीजों को अस्पताल के बरामदों मे मजबूर होकर रहना पड़ रहा है. जिससे साफ झलकता है कि सीमांत क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के क्या हाल है. सीनियर फिजिशियन डॉ .एस. एस. कुंवर ने बताया कि मानसून सत्र आते ही तमाम बीमारियां काफी बढ़ी है. करीब ओपीडी हजार से डेढ़ हजार की चल रही है. वार्ड भरे हुए है, बेड बिल्कुल भी नहीं है. वायरल की समस्या आ रही है. पीलिया, टाइफाइड, उल्टी, दस्त के मरीज काफी आ रहै है. ये हमारी मजबूरी है हम मरीजों को कहां पर रखे, जितने बेड हैं ऑलरेडी फुल हैं.


मानसून आने के बाद मरीजों की संख्या बढ़ी
सीएमओ डॉ. एच. एस. ह्यायंकी ने बताया कि मानसून सत्र शुरू होते ही दिन, प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इस समय कॉमन कोल्ड, डायरिया और फंगल इंन्फेक्शन के पेंशेट बहुत आते है. ओपीडी में 120 बैड स्वीकृत है. लेकिन मरीज अधिक होते है तो गैलरियों मे भी हम बैड लगा कर एडजेस्ट करते है. इस तरह से अस्पताल का संचालन किया जा रहा है. फीमेल हॉस्पिटल 62 बैड का है, वहां भी स्पेस कम ही है.


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