धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा तट पर प्रस्तावित क्रिसमस कार्यक्रम को लेकर विरोध शुरू हो गया है. तीर्थ पुरोहितों और गंगा सभा से जुड़े लोगों ने इस आयोजन को सनातन परंपराओं के खिलाफ बताते हुए कड़ा ऐतराज जताया है. उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि गंगा किनारे इस तरह के आयोजन को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा 25 दिसंबर को हरिद्वार स्थित भागीरथी होटल परिसर में गंगा तट के समीप क्रिसमस आयोजन की योजना बनाई गई है. इस कार्यक्रम की सूचना सामने आते ही तीर्थ पुरोहितों में नाराजगी फैल गई और उन्होंने इसके विरोध में मोर्चा खोल दिया है.

तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि गंगा केवल एक नदी नहीं बल्कि सनातन संस्कृति और आस्था का प्रतीक है. ऐसे पवित्र स्थल पर अन्य धार्मिक आयोजनों का आयोजन सनातन परंपराओं के विरुद्ध है. उनका कहना है कि जब पूरा देश अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को सहेजने और आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है, तब गंगा किनारे क्रिसमस जैसे आयोजन करना भावनाओं को आहत करने वाला है.

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गंगा सभा हरिद्वार से जुड़े तीर्थ पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि गंगा तट पर किसी भी प्रकार का ऐसा आयोजन स्वीकार्य नहीं है, जो सनातन संस्कृति के मूल स्वरूप से मेल न खाता हो. उन्होंने कहा कि आयोजकों को यह समझना चाहिए कि हरिद्वार एक धार्मिक नगरी है, जहां सदियों से चली आ रही परंपराओं और आस्थाओं का विशेष महत्व है.

उज्ज्वल पंडित ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पर्यटन विभाग द्वारा इस कार्यक्रम को रद्द नहीं किया गया, तो तीर्थ पुरोहित और गंगा सभा इससे भी उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विरोध केवल चेतावनी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर सड़क से लेकर प्रशासनिक स्तर तक आवाज उठाई जाएगी.

प्रशासन और पर्यटन विभाग की प्रतिक्रिया

फिलहाल, इस पूरे मामले पर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. हालांकि, विरोध के तेवर को देखते हुए प्रशासन की नजर इस आयोजन पर बनी हुई है. आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पर्यटन विभाग इस विरोध को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम को लेकर क्या फैसला लेता है और क्या यह आयोजन अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हो पाता है या नहीं.