उत्तराखंड के हरिद्वार में उस समय अफरातफरी मच गयी, जब यहां ज्वालापुर क्षेत्र में गुघाल मेले के दौरान एक झूला टूट गया. जिसमें दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. चौंकाने वाली बात यह है कि घटना के 30 मिनट बाद तक पुलिस और जिला प्रशासन को इसकी सूचना तक नहीं मिली.
बिना फिटनेस जांच के झूले को अनुमति देने के कारण प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है. इस घटना ने मेले की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक ढिलाई पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
क्या था पूरा घटनाक्रम ?
बता दें कि हादसा ज्वालापुर के गुघाल मेले में उस समय हुआ, जब एक झूला अचानक टूटकर नीचे गिर गया. घायल बच्चे ने बताया कि झूले से तेज आवाज आ रही थी. हमने शोर मचाकर संचालक को रोकने को कहा, लेकिन उसने रफ्तार और बढ़ा दी. अचानक झूला टूट गया, और मैं अपने भाई के साथ नीचे गिर गया. मेरे दोनों पैरों की हड्डियां टूट गईं, जबकि मेरे भाई के मुंह और सिर में गंभीर चोट आई, उसके दांत भी टूट गए. दोनों बच्चों को तुरंत रानीपुर मोड़ के सिटी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने एक बच्चे के दोनों पैर टूटने और दूसरे के सिर व मुंह में गंभीर चोट की पुष्टि की.
परिजनों का गुस्सा और प्रशासन पर सवाल
पीड़ित के परिजन संदीप कुमार ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि झूले में पहले से खराबी थी, लेकिन संचालक ने लापरवाही बरती. हादसे के बाद लोग बच्चों को मेरे पास लाए, तब मैं उन्हें अस्पताल ले गया. प्रशासन को जवाब देना चाहिए कि बिना फिटनेस जांच के झूले को अनुमति कैसे दी गई. परिजनों ने संचालक और प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
लापरवाही पर उठते सवाल
ज्वालापुर गुघाल मेले में हुए इस हादसे ने प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. बिना फिटनेस प्रमाणन के झूले को संचालित करने की अनुमति देना गंभीर लापरवाही को दर्शाता है. स्थानीय लोगों और परिजनों ने मांग की है कि मेले में सभी झूलों की जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।.
पुलिस ने शुरू की जांच
चिनहट पुलिस ने बताया कि उन्हें देर से सूचना मिली, लेकिन मामले की जांच शुरू कर दी गई है. जिला प्रशासन ने भी झूले के फिटनेस और अनुमति की जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस ने संचालक के खिलाफ मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की है.