Happy Birthday Akhilesh Yadav: सपा के अध्यक्ष और पूर्व सीएम रह चुके अखिलेश यादव का आज जन्मदिन है. अखिलेश का जन्म 1 जुलाई 1973 को इटावा जिले के सैफई गांव में मुलायम सिंह यादव और उनकी पहली पत्नी मालती देवी के घर हुआ था. पत्नी मालती के निधन के बाद मुलायम ने साधना गुप्ता से विवाह कर लिया था. अखिलेश यादव के जन्मदिन के मौके पर हम उनके राजनीतिक जीवन के बारे में बताएंगे.


कन्नौज सीट से उपचुनाव जीतकर पहुंचे थे लोकसभा
साल 2000 में अखिलेश यादव की राजनीतिक पारी की शुरुआत हुई. 27 साल के अखिलेश यादव इसी साल कन्नौज से लोकसभा का उपचुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. इसके बाद वो लगातार दो बार 2004 और 2009 में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. फिर 2019 में वो आजमगढ़ सीट से लोकसभा सांसद चुने गए. 24 नवंबर 1999 को अखिलेश यादव ने डिंपल यादव से शादी की थी. अखिलेश और डिपंल की दो बेटियां- अदिति, टीना और एक बेटा अर्जुन है.


2012 में बने सबसे कम उम्र के सीएम
साल 2012 में अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया था. साफ था कि पार्टी विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी अखिलेश के कंधों पर देना चाह रही थी. अखिलेश ने भी इस चुनाव में खूब मेहनत की. पूरे प्रदेश में उन्होंने साइकिल यात्रा निकाली. अखिलेश की मेहनत रंग भी लाई. 2012 में 224 सीटें जीतकर सपा ने सरकार बनाई. महज 38 साल की उम्र में अखिलेश यादव सबसे युवा मुख्यमंत्री बन गए थे.


2017 में हुई बुरी हार
साल 2017 का विधानसभा चुनाव भी अखिलेश यादव के नेतृत्व में लड़ा गया, लेकिन इस चुनाव में उनकी पार्टी बुरी तरह हार गई. इस चुनाव में हार के बाद उन्होंने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की धुर विरोधी रही मायावती से हाथ मिलाया. सपा और बसपा ने मिलकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा. हालांकि लोकसभा में गठबंधन कुछ कमाल नहीं कर पाया. लोकसभा चुनाव में हार के बाद मायावती ने अखिलेश की पार्टी से कन्नी काट ली.


अखिलेश-मुलायम का विवाद
एक समय ऐसा भी आया था जब अखिलेश और उनके पिता मुलायम सिंह यादव के बीच दरार आ गई थी. साल 2016 में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने मंत्रिमंडल से मुलायम और शिवपाल के करीबी राजकिशोर व गायत्री प्रजापति को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था. फिर मुलायम ने अखिलेश को सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया दिया और शिवपाल को नया अध्यक्ष बनाया. तकरार यही नहीं थमी. मुलायम ने रामगोपाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया. रामगोपाल को निकालने के बाद मुलायम ने अखिलेश को भी पार्टी से बाहर निकाल दिया. 


रामगोपाल ने सपा विशेष अधिवेशन बुलाकर मुलायम की जगह अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनवा दिया. तब शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया. उनकी जगह नरेश उत्तम को प्रदेश अध्यक्ष की कमान दी गई. ये विवाद चुनाव आयोग के पास भी पहुंचा था. 2017 में विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद चाचा शिवपाल यादव ने अलग पार्टी बना ली थी.


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