Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से जुड़ी याचिकाओं पर आज यानी बुधवार (4 अक्टूबर) को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. इस मामले में दोपहर बाद सुनवाई होने की उम्मीद है. ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी पांच याचिकाओं पर इलाहाबाद हाई कोर्ट एक साथ सुनवाई कर रहा है. 


इनमें से तीन याचिकाएं 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किए गए केस की पोषणीयता से जुड़ी हुई हैं. दो अर्जियां एएसआई के सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ हैं. 1991 के मुकदमे में विवादित परिसर हिंदुओं को सौंपे जाने और वहां पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग की गई थी. ये मुकदमा 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किया गया था. 


ज्ञानवापी मामले को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई


हाई कोर्ट को मुख्य रूप से यही तय करना है कि वाराणसी की अदालत इस मुकदमे को सुन सकती है या नहीं. चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की सिंगल बेंच मामले में सुनवाई करेगी. अदालत में पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज कर दिया गया था. मुस्लिम पक्ष ने तीन बार जजमेंट रिजर्व होने के बाद फिर से सुनवाई किए जाने के फैसले पर ऐतराज जताया था. 


मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा?


मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया था कि पिछले कई सालों में करीब 75 कार्य दिवसों पर इस मामले में सुनवाई हो चुकी है. ऐसे में अब इस मामले में फिर से सुनवाई नहीं की जा सकती. मुस्लिम पक्ष ने उस शिकायत की कॉपी दिए जाने की मांग की थी जिसके आधार पर मामले की सुनवाई जस्टिस प्रकाश पाडिया की बेंच से लेकर चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर खुद कर रहे हैं. 


कोर्ट ने दलील की थी खारिज


अदालत ने मुस्लिम पक्ष की इस दलील को पहले ही खारिज कर दिया है और मामले में सुनवाई करने का फैसला किया है. इन पांचों अर्जियों पर सुनवाई के बाद जस्टिस प्रकाश पडिया ने 25 जुलाई को जजमेंट रिजर्व कर लिया था. उन्होंने 28 अगस्त को इस मामले में फैसला सुनाए जाने की तारीख तय की थी.


हालांकि फैसला सुनाने से कुछ दिन पहले ही जस्टिस प्रकाश पडिया का इलाहाबाद हाई कोर्ट से ट्रांसफर हो गया था. मामले की सुनवाई अब चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की बेंच कर रही है. चीफ जस्टिस ने 28 अगस्त के आदेश में कहा था कि जस्टिस प्रकाश पड़िया की बेंच क्षेत्राधिकार नहीं होने के बावजूद इस मामले में सुनवाई कर रही थी. 


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