Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. जजमेंट रिजर्व होने के बाद अब फिर से इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) सुनवाई करेगा. वाराणसी की अदालत में 32 साल पहले 1991 में दाखिल किए गए मुकदमे की पोषणीयता को लेकर याचिकाएं दाखिल की गई थीं. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI से सर्वेक्षण कराए जाने का मामला भी सुना जाना है. चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर अब खुद सुनवाई करेंगे. सुनवाई पूरी होने के बाद जस्टिस प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच ने 25 जुलाई को जजमेंट रिजर्व कर लिया था.


वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जुड़ी बड़ी खबर


फैसला सुनाने के लिए कल 28 अगस्त की तारीख तय की थी. ज्ञानवापी मस्जिद केस से जुड़ी पांच अर्जियों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आना था. फैसला आने से पहले सुनवाई करने वाले जज जस्टिस प्रकाश पड़िया का इलाहाबाद हाईकोर्ट से ट्रांसफर हो गया है. जस्टिस प्रकाश पड़िया का ट्रांसफर होने की वजह से मामला चीफ जस्टिस को रेफर हो गया. चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने मामले में खुद सुनवाई करने का फैसला किया है. चीफ जस्टिस की सिंगल बेंच अब कल 28 अगस्त को दोपहर के वक्त सुनवाई करेगी.


हाईकोर्ट की सिंगल बेंच इस मामले की कल करेगी सुनवाई


वाराणसी की अदालत में आदि विश्वेश्वर के वाद मित्र के तौर पर काशी के सोमनाथ व्यास - रामनारायण शर्मा और हरिहर पांडेय ने मुकदमा दाखिल किया था. मुकदमे में दावा किया गया था कि ज्ञानवापी मस्जिद की जगह पर मंदिर था और मुगल बादशाह औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. याचिका में विवादित जगह हिंदुओं को सौंप जाने और पूजा पाठ की इजाजत दिए जाने की मांग की गई थी. चीफ जस्टिस कोर्ट पांच याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगी. सभी याचिकाएं मुस्लिम पक्ष की तरफ से दाखिल की गई हैं. ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की तीन और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की दो याचिका हैं. मामले में जस्टिस प्रकाश पाड़िया की बेंच ने भी पिछले साल 28 नवंबर को सुनवाई पूरी होने के बाद जजमेंट रिजर्व कर लिया था. हालांकि इस साल मई और जुलाई महीने में उन्होंने फिर से सुनवाई की थी. 


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