Gyanvapi Survey News: उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी में ज्ञानवापी मामले में आज फ़ैसला टल गया है. अब फैसला 4 जनवरी यानी कल आएगा. ASI ने जिला कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर चार हफ्ते का समय और माँगा था. बुधवार को ज्ञानवापी मामले में जिला जज ने आज इस मुद्दे पर सुनवाई की है कि रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाये या नहीं. अब इस मामले में फैसला कल आयेगा. जिला जज ने कहा कि इस मामले में भी दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला कल सुनाया जाएगा.


ASI ने बुधवार को सुनवाई शुरू होने से पहले एक प्रार्थना पत्र दाखिल कर अगले 4 हफ्ते तक सीलबंद सर्वे रिपोर्ट को ना खोलने और पक्षकारों को ना देने की मांग की थी. ASI ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला दिया. हाईकोर्ट ने पिछले दिनों ज्ञानवापी से जुड़े 1991 के मूल मुकदमे को फिर से चलाने का आदेश दिया था .


ज्ञानवापी प्रकरण वाराणसी में एएसआई ने लिखा है- न्यायालय -जनपद न्यायाधीश एएसआई ने चार सप्ताह का समय मांग करते हुए कहा कि चूंकि 18 दिसंबर को एएसआई ने रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दिया था और 19 दिसंबर को ज्ञानवापी प्रकरण के 1991 के केस में हाईकोर्ट का एएसआई सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है. वह भी कार्रवाई पूर्ण हो जाय. अतः चार सप्ताह का अदालत और समय दे. 


उधर, ज्ञानवापी मामले में इंतजामिया कमेटी ने आज जिला कोर्ट में प्रार्थन पत्र देकर मछलियों की सुरक्षा के लिए हौज की सफाई की मांग की है.   उधर, सुनवाई को लेकर हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने एबीपी लाइव से बातचीत में बताया था कि - दिसंबर महीने में आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया द्वारा 92 दिनों तक हुए सर्वे रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में वाराणसी जिला न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था. इसको लेकर हिंदू पक्ष ने आपत्ति जताई थी. सर्वे रिपोर्ट को इस तरह बंद लिफाफे में पेश करना न्यायिक मूल्यों के खिलाफ हैं.


मुस्लिम पक्ष ने भी दाखिल किया है प्रार्थनापत्र
वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष द्वारा भी इस मामले को लेकर प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है कि ASI रिपोर्ट को सार्वजनिक न किया जाए जबकि हमारी मांग है कि देश की भावनाओं से जुड़ा हुआ यह विषय है और अनेक तथ्य है जो प्रमाणित करते हैं कि इस परिसर का वास्तविक इतिहास कुछ और है. इसलिए सभी बातें देश के सामने आनी चाहिए.ASI रिपोर्ट में आए हर तथ्य वह भी देश के समक्ष रखा जाना आवश्यक है.


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वजू खाने को छोड़कर पूरे परिसर का ASI सर्वे पूर्ण किया गया है. मुस्लिम पक्ष की तरफ से अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के सदस्यों ने वजू खाने में गंदगी और साफ सफाई न होने को लेकर वाराणसी जिला प्रशासन को प्रार्थना पत्र सौंपा था. मुस्लिम पक्ष का कहना था कि तकरीबन डेढ़ साल से वजू खाने में साफ सफाई नहीं हुई है, जिसकी वजह से पानी की अधिकांश मछलियां मर चुकी हैं. सीआरपीएफ जवान, दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं और नमाजियों को इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए वजूखाने की जल्द से जल्द अच्छी तरह सफाई आवश्यक है. (संतोष चौरसिया, निशांत चतुर्वेदी के इनपुट के साथ)