ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपने अधिसूचित क्षेत्र में धड़ल्ले से काटी जा रही अवैध कॉलोनियों पर नकेल कसने के लिए अब आर्थिक मोर्चे पर भी सख्ती शुरू कर दी है. भू माफियाओं और अवैध कॉलोनाइजरों के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए प्राधिकरण ने सभी बैंकों के क्षेत्रीय प्रबंधकों को पत्र भेजकर चेतावनी दी है कि वे बिना स्वीकृत नक्शे और अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) के किसी भी प्लॉट पर लोन न दें.

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महाप्रबंधक (परियोजना) ए.के. सिंह ने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि लोगों को अवैध कॉलोनियों में निवेश करने से रोका जा सके और कॉलोनाइजरों की अवैध गतिविधियों पर लगाम लगे. प्राधिकरण के अनुसार अधिसूचित क्षेत्र में कृषि भूमि पर छोटे-छोटे प्लॉट बनाकर बिना वैध अनुमति के कॉलोनियां काटी जा रही हैं, जो मास्टर प्लान के नियमों के खिलाफ है.

NOC और अधिकृत नक्शे के बगैर न दिया जाए लोन

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पहले ही एनपीसीएल को पत्र भेजकर अवैध कॉलोनियों को बिजली कनेक्शन न देने और पंजीकरण विभाग को कृषि भूमि की आवासीय रजिस्ट्री पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं. अब बैंकों को ऋण (Loan) न देने की अपील के साथ यह सख्ती और तेज कर दी गई है. पत्र में कहा गया है कि बगैर अधिकृत नक्शा और एनओसी के किसी भी प्लॉट के लिए ऋण स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिए.

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में कुल 264 गांव आते हैं, जिसमें फेस-1 के 124 और फेस-2 के 140 गांव शामिल हैं. मास्टर प्लान के अनुसार इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का विकास, चाहे वह औद्योगिक हो, आवासीय हो या संस्थागत– प्राधिकरण की पूर्व अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता.

कृषि भूमि की सिर्फ कृषि कार्यों के लिए की जाए

प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन जमीनों का उपयोग खसरा-खतौनी में कृषि के रूप में दर्ज है, उनकी रजिस्ट्री भी केवल उसी प्रयोजन के लिए की जाए. इससे अवैध कॉलोनियों को वैधता मिलने की संभावना समाप्त होगी और भूमाफिया की मंशा विफल होगी.

यह कदम न केवल अवैध निर्माण पर रोक लगाएगा, बल्कि आम लोगों को फर्जी निवेश से भी बचाएगा. प्राधिकरण ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी भूमि या प्लॉट की खरीद से पहले प्राधिकरण से वैधता की पुष्टि अवश्य करें, अन्यथा उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की यह पहल अधिसूचित क्षेत्र में सुनियोजित विकास और स्वच्छ शहरी नियोजन की दिशा में एक ठोस प्रयास माना जा रहा है.