Gorakhpur News: यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेश में अयोध्‍या समेत अन्‍य जिलों में भी रामलीलाओं को भव्‍य मंच प्रदान करने के लिए रामलीला ग्राउंड और मंच का जीर्णोद्धार कराया. गोरखपुर में भी बर्डघाट रामलीला मैदान को सरकार द्वारा पांच करोड़ रुपए खर्च कर बाउंड्री कराने के बाद मंच को भव्‍य रूप प्रदान किया गया लेकिन आरोप है कि रामलीला समिति की ओर से इस ग्राउंड को साल का खर्च निकालने के लिए ठेके पर यानी टेंडर पर दे दिया गया. गरीब परिवारों की शादी तो दूर, यहां पर प्राइवेट ठेकेदार द्वारा बाकायदा दो से तीन लाख रुपए लेकर अमीर परिवार के लोगों के शादी समारोह कराया जा रहा है.
   
गोरखपुर के बर्डघाट वार्ड नंबर 69 श्रीराम चौक के पार्षद प्रति‍निधि दिनेश गुप्‍ता ने मुख्‍यमंत्री और जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया है. उन्‍होंने नियम विरुद्ध टेंडर करने और शादी के आयोजनों के साथ बार-बालाओं के डांस और मांस-मदिरा तक ठेकेदार द्वारा बनवाने का आरोप लगाया है. उनका ये भी आरोप है कि किसी गरीब की बेटी की शादी के लिए रामलीला मैदान समिति उपलब्‍ध भले नहीं करवा पा रही है, लेकिन जिसे महज 13.50 लाख में नियम विरुद्ध टेंडर देकर रामलीला ग्राउंड सौंप दिया गया है, वो वहां पर अमीर परिवारों की शादी को दो से तीन लाख रुपए में बुक कर नियमों को ताक पर रखकर शादियों में रामलीला ग्राउंड और मंच पर बार बालाओं का डांस करवा रहा है. इस संबंध में यूपी के कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद ने भी जांच कराने और कार्रवाई की बात कही है.


रामलीला मंच पर बार-बालाएं कर रहीं डा़ंस 
पार्षद प्रतिनिधि दिनेश गुप्‍ता ने आरोप लगाया है कि समिति को टेंडर करने का अधिकार नहीं है. जबकि नियम विरुद्ध महज 13.50 लाख रुपए वार्षिक पर भाजपा के पूर्व पार्षद रहे संजय श्रीवास्‍तव को टेंडर दे दिया गया. वे बताते हैं कि मुख्‍यमंत्री ने समिति को मोहल्‍ले के गरीब परिवार की बेटे-बेटियों की शादी के लिए रामलीला मैदान को उपलब्‍ध कराने को तो कहा है,  लेकिन दुर्भाग्‍यवश ऐसा नहीं हो पा रहा है. गरीब के बेटे-बेटियों के लिए रामलीला मैदान उपलब्‍ध नहीं है. रामलीला के मंच पर धार्मिक और सांस्‍कृतिक आयोजन की जगह बार बालाओं का डांस के साथ, मांस-मदिरा के सेवन के साथ रुपए की अनियमितता का आरोप भी लगाया गया है.


श्रीश्रीरामलीला समिति बर्डघाट के संरक्षक पंकज गोयल इस प्रकरण को राजनीति से प्रेरित बताते हैं. वे नियमों के उल्‍लंघन और टेंडर करने को सिरे से खारिज करते हैं. डांस हमारे यहां सांस्‍कृतिक कार्यक्रम का हिस्‍सा है. ये अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. ये गलत है, तो इसके लिए थाने पर जाकर एफआईआर कराएं. ये समि‍ति को बदनाम किया जा रहा है. आरोप लगाना बहुत आसान है, लेकिन उसे साबित करना कठिन है.


रामलीला समिति ने आरोपों को बताया गलत 
वे गरीबों की शादी और भागवत कथा के साथ गमी के कार्यक्रम भी कराने की बात कहते हैं. उन्‍होंने बताया कि रामलीला ग्राउंड के सालाना मेंटेनेंस और अन्‍य खर्चों को निकालने के लिए बाकायदा अधिकारी की मौजूदगी में टेंडर की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद सर्वाधिक बोली लगाने वाले संजय श्रीवास्‍तव को 13.50 लाख रुपए में इसे दिया गया है. यहां पर किसी तरह के नियमों का उल्‍लंघन नहीं किया जा रहा है. जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो पूरी तरह से गलत हैं.


मामले पर अधिकारियों ने क्या कहा? 
इस प्रकरण पर गोरखपुर के जांच अधिकारी एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान पार्षद द्वारा एक प्रार्थनापत्र दिया गया है. रामलीला के मंच पर प्रार्थना पत्र में मांस, मदिरा और बार बालाओं के डांस कराने की शिकायत पर उन्‍होंने कहा कि इसकी शिकायत प्रार्थनापत्र में की गई है. संचालन के लिए जो एसओपी बनाई गई थी, उसका उल्‍लेख किया गया है. प्रार्थनापत्र के साथ उसे विशेष साक्ष्‍य को दिया नहीं गया है. शिकायतकर्ता को बताया गया है कि उनके आने के बाद 1 मार्च से जांच शुरू कर दी जाएगी. रामलीला मैदान में नियम के विरुद्ध गतिविधियां चल रही हैं, तो इसकी जानकारी जिलाधिकारी को देकर तत्‍काल नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी.


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