Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या (Ayodhya) में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Lalla Pran Pratishtha) के बाद से राम मंदिर (Ram Mandir) को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है. इस बीच गोरखपुर (Gorakhpur) की दीन दयाल यूनिवर्सिटी (Deen Dayal University) ने अयोध्या के इतिहास को लेकर बड़ा एलान किया है, यूनिवर्सिटी, अयोध्या अध्ययन केंद्र यानी सेंटर फ़ॉर स्टडीज ऑन अयोध्या (CSA) स्थापित करेगी. इसके ज़रिए छात्रों को अयोध्या की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और एतिहासिक यात्राओं पर शोध के अध्ययन को बढ़ावा दिया जाएगा. 


दीन दयाल यूनिवर्सिटी ने इसके साथ ही इतिहास के पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्रों के लिए अयोध्या की एतिहासिकता पाठ्यक्रम की भी घोषणा की है. इस पाठ्यक्रम के शैक्षणिक सत्र की शुरुआत 2024-25 से इतिहास में आर्ट्स फ़ैकल्टी के तहत की जाएगी. अयोध्या अध्ययन केंद्र के ज़रिए यहां के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और एतिहासिक और आधुनिक पर्यटन केंद्र में स्थापित होने की यात्राओं के अलग-अलग पहलुओं को अध्ययन करने के लिए उत्साहित किया जाएगा. 


सभी विभागों से समन्वय स्थापित करेगा
अयोध्या अध्ययन केंद्र उन सभी विश्वविद्यालयों के विभागों से समन्वय स्थापित करेगा जहां अयोध्या और भगवान राम को लेकर अलग-अलग शोध कार्य किए जा रहे हैं. इस बारे में और जानकारी देते हुए प्रोफ़ेसर पूनम टंडन ने बताया कि हमारी यूनिवर्सिटी में महान धार्मिक, आध्यात्मिक और एतिहासिक व्यक्तित्वों से संबधित जन्मस्थान और महत्वपूर्ण स्थानों से घिरे पूर्वांचल क्षेत्र में सीखने का एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा. 


ये केंद्र प्राचीन इतिहास, पुरातत्व और सांस्कृतिक विभाग में स्थापित किया जाएगा. इस केंद्र का प्रमुख लक्ष्य अयोध्या की एतिहासिक यात्रा पर ध्यान केंद्रित कर एक प्राचीन शहर से आधुनिक तीर्थ के रूप में विकसित होने से संबंधित विषयों के अध्ययन को प्रोत्साहित करने पर होगा. अगले सत्र से छात्रों के लिए अयोध्या की एतिहासिकता कोर पेपर के रूप में शुरू किया जाएगा. दूसरे विषयों के पीजी छात्रों के लिए इसे इलेक्टिव पेपर के रूप में शामिल होगा.     


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