Gorakhpur Sleeping Pills News: माता-पिता के छोटे-बड़े झगड़ों का बच्‍चों के मन-‍मस्तिष्‍क पर कितना बुरा प्रभाव पड़ता है, इसका उदाहरण उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में देखने को मिला. यहां पर 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र का माता-पिता के बीच हो रही लड़ाई और नोंक-झोंक का इतना बुरा असर पड़ा कि वो अवसाद में चला गया और जान देने के लिए नींद की 120 गोलियां खा लीं. उसका इलाज गोरखपुर AIIMS में चल रहा है, उसने आनलाइन ये नींद की गोलियां मंगाई थीं, जिसे नींद नहीं आने पर फूड सप्लिमेंट के लिए इस्‍तेमाल किया जाता है.


यूपी के गोरखपुर का ये मामला हर मां-बाप को हैरान और परेशान करने वाला है. गोरखपुर के इस 9वीं के छात्र के दिल-ओ-दिमाग पर उसके मां-बाप का झगड़े का बुरा असर पड़ा. उसने नींद नहीं आने पर फूड स‍प्‍लीमेंट के रूप में इस्‍तेमाल होने वाली नींद की गोलियां मंगाई और 120 गोलियां खा लीं. उसने होश में आने के बाद बताया कि उसने एक बच्‍ची के 10 गोली खाने पर चार दिनों तक बेहोश होने की बात सुनी थी. यही वजह है कि उसने आनलाइन ये गोलियां मंगाई और खाकर जान देने की कोशिश की. हालांकि परेशान माता-पिता ने उसे गोरखपुर AIIMS में भर्ती कराया और चिकित्‍सकों की तत्‍परता से उसकी जान बच गई.


जब शनिवार की रात बच्चे को होश आया तो उसने बताया कि उसने करीब (Melatonin- कै‍ल्शियम फूड सप्‍लीमेंट) की 10 मिलीग्राम की 90 गोलियां और 30 एल्प्राजोलाम (0.5 मिलीग्राम) खरीदकर खाईं थी. छात्र का इलाज कर रहे डाक्टरों ने बताया कि छात्र की मानसिक स्थिति अभी अच्छी नहीं है, उसे कुछ दिनों तक भर्ती रखा जाएगा. 


मोबाइल पर सर्च कर मंगाई दवाई


छात्र ने मोबाइल से नींद की गोली के बारे में जानकारी जुटाई और इसके बाद (Melatonin- कै‍ल्शियम फूड सप्‍लीमेंट) की दवा का आर्डर दिया. इसके 15 कैप्सूल के एक स्ट्रिप की कीमत 245 रुपये है, उसने 6 स्ट्रिप का आर्डर दिया. आनलाइन मंगाई गई दवा लेकर डिलीवरी ब्वाय ने उसे फोन किया, तो उसने गांव के बाहर दवा ली. मोबाइल पर सर्च कर मेडिकल स्टोर से एल्प्राजोलाम 0.5 मिलीग्राम की 30 गोली भी खरीदी और यह दवा सिर्फ डाक्टर के पर्चे पर ही बेची जाती है.


मेडिकल स्टोर के खिलाफ जांच शुरू


औषधि विभाग की टीम ने शनिवार को मेडिकल स्टोर की जानकारी ली तो पता चला कि बगैर चिकित्‍सक के पर्चे के एल्प्राजोलाम (0.5 मिलीग्राम) की 30 गोली दी गई. औषधि विभाग की टीम ऐसे मेडिकल स्टोर के खिलाफ जांच शुरू करने जा रही है. गोरखपुर के ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि उनके संज्ञान में मामला आया है. Melatonin- कै‍ल्शियम फूड सप्‍लीमेंट ऑनलाइन उपलब्‍ध है. इसे नींद नहीं आने पर फूड सप्‍लीमेंट के रूप में इस्‍तेमाल किया जाता है, जिस म‍ेडिकल स्‍टोर से एल्‍प्राजोम की दवा बच्‍चे ने खरीदी है, उसकी जांच की गई है. वहां से बगैर डॉक्‍टर के पर्चा के दवा दी गई है. ये मामला गंभीर है और नारकोटिक्स ग्रुप की दवाओं को पंजीकृत डॉक्टर के पर्चे ही बेचा जाना है. अब इसकी जांच की जा रही है. 


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