गोंडा में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. पुराने स्टाम्प पर बैक डेट में बैनामा कराने और जमीन मालिक को धमकाने के आरोप में एमपी एमएलए कोर्ट ने कीर्तिवर्धन, उनके प्रतिनिधि राजेश सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. 

गोंडा के मनकापुर थाना के भिटौरा गांव में रहने वाले अजय सिंह ने कोर्ट में 173 (4) बीएनएस के अंतर्गत प्रार्थना पत्र देकर प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री कीर्तिवर्धन, उनके प्रतिनिधि राजेश सिंह, सहदेव यादव, पिंकू और कांति सिंह ने उनकी पत्नी मनीषा सिंह की बैनामा जमीन का फर्जी तरीके से दोबारा बैनामा करा लिया. 

केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन पर लगे आरोप

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि मंत्री ने पहले से ही बैनामायुक्त जमीन के पुराने स्टांप पेपर को खरीद कर दोबारा जमीन का बैनामा करवा लिया. यही नहीं जब उन्होंने इस फर्जीवाड़े की शिकायत की तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने और दूसरे मामलों में फंसाने की धमकी भी दी. कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद पीड़ित ने एमपी एमएलए कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई.

कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने के दिए आदेश

कोर्ट ने अजय सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए मनकापुर थाने को इस मामले में एफआईआर दर्ज कर 15 दिन के अंदर कोर्ट को सूचित करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जाँच शुरू की जाए. जिसके बाद मंत्री कीर्तिवर्धन की मुसीबतें बढ़ सकती हैं.

कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह और उनके सहयोगियों पर फर्जीवाड़े, जालसाजी और जान से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोप लगे हैं. कीर्तिवर्धन गोंडा से बीजेपी का सांसद भी हैं. ये मामला सामने आने के बाद सियासी हलकों में चर्चाएं भी तेज हो गई हैं. आने वाले दिनों में ये मामला और गरमा सकता है. 

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