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गोंडा पुलिस ने एक ऐसी सनसनीखेज वारदात का पर्दाफाश किया है जिसे सुनकर हर कोई दंग है. मंदिर की खुदाई में मिले प्राचीन चांदी के सिक्कों को हड़पने के लिए शातिर अपराधियों ने फिल्मी अंदाज में 'नकली एसटीएफ' (STF) की टीम बनाई और दिनदहाड़े लूट की वारदात को अंजाम दिया. पुलिस ने इस मामले में गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि इस साजिश में शामिल पीएसी (PAC) और पीआरडी (PRD) के जवान अभी फरार हैं.

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मामला गोंडा के थाना कोतवाली देहात क्षेत्र का है. 18 दिसंबर 2025 को बाबा कुटी ठकुरापुर में मंदिर निर्माण के लिए जेसीबी से खुदाई का काम चल रहा था. इसी दौरान मिट्टी से भरा एक प्राचीन कलश निकला, जिसमें सफेद धातु (चांदी) के 431 प्राचीन सिक्के भरे हुए थे. जब मंदिर के सेवादार उपेंद्र सिंह उर्फ उपेंद्र बाबा इन सिक्कों को वाहन में रखकर ले जा रहे थे, तभी परसपुर मोड़ के पास एक सफेद कार ने उनका रास्ता रोका.

फिल्मी अंदाज में लूट

कार से उतरे 4-5 लोगों ने खुद को एसटीएफ (Special Task Force) का अधिकारी बताया. उन्होंने पुलिसिया धौंस जमाते हुए जांच के नाम पर उपेंद्र बाबा को डराया और सिक्कों से भरा कलश छीनकर फरार हो गए. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने तत्काल कई टीमों का गठन किया.

पुलिस की कार्रवाई और खुलासा

महज 48 घंटे के भीतर पुलिस ने घेराबंदी कर 6 अभियुक्तोंत्रिलोकी पाण्डेय, आलोक शुक्ला उर्फ सुधीर, हरिओम दुबे, प्रिंस मिश्रा, राहुल यादव और मनोज मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह पूरी योजना बहुत पहले से तैयार की गई थी. इस गिरोह का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि इसमें कानून के रखवाले ही लुटेरे बन गए. साजिश में पीएसी में तैनात आलोक शुक्ला और पीआरडी जवान प्रदीप तिवारी मुख्य भूमिका में थे, जो फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.

बरामदगी और विधिक कार्रवाई

पुलिस ने अभियुक्तों के पास से घटना में प्रयुक्त कार (UP 43 BL 5218), लूट का कलश, सभी 431 चांदी के सिक्के और दो फर्जी पुलिस आईडी कार्ड बरामद किए हैं. एसपी विनीत जायसवाल के निर्देश पर आरोपियों के खिलाफ बीएनएस (BNS) की विभिन्न गंभीर धाराओं (जैसे धोखाधड़ी, लूट और फर्जी दस्तावेज बनाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

पुलिस का कहना है कि फरार जवानों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है और इस गिरोह के अन्य संपर्कों की भी जांच की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी वारदातों पर अंकुश लगाया जा सके.