कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा के विधायक बेदीराम शुक्रवार को अचानक जखनिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के औचक निरीक्षण पर पहुंच गए, जहां तमाम खामिया देखकर उनका गुस्सा फूट पड़ा. इस दौरान उनकी सीएचसी प्रभारी  डॉ योगेंद्र यादव के साथ तीखी बहस हो गई, जिसके बाद डॉक्टर उन्हें झिड़कते हुए निकल गए और कहा बहुत विधायक देखे हैं. 

इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि सुभासपा विधायक बेदीराम को स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही और अनियमितता को लेकर कई शिकायतें मिलीं थी, जिसके बाद जखनिया सीएचसी का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए. 

शिकायत के बाद निरीक्षण के लिए पहुंचे थे विधायक

इस दौरान उन्होंने अस्पताल आए मरीजों से भी बातचीत की. लोगों ने उन्हें बताया कि कैसे वहां पर मरीजों से डॉक्टर पैसा लेकर इलाज कर रहे हैं. बाहर की दवाएं लिख रहे हैं. इतना ही नहीं भर्ती मरीजों के लिए खाने का भी प्रबंध नहीं है. अस्पताल में गंदगी रहती है. 

विधायक ने पाया कि दोपहर 12:00 बजे तक अस्पताल के कई कर्मचारी नदारद थे. डॉक्टर साहब ने उपस्थिति रजिस्टर पर अपने हस्ताक्षर नहीं किए थे. जब बेदीराम ने सवाल किया तो डॉक्टर ने आनन फानन में उनके सामने ही अपने और दूसरे स्टाफ़ के साइन कर दिए. 

सुभासपा विधायक को झिड़का

जब विधायक ने इस पर आपत्ति जताई तो डॉक्टर योगेंद्र यादव गुस्से से तमतमा उठे और उन्होंने कहा- "देखिए विधायक जी, आप जिस ऊंची आवाज में बात कर रहे हैं उस ऊंची आवाज को सुनने की मेरी आदत नहीं है. मैं नौकरी करूं या न करूं मैं अपना इस्तीफा दे दूंगा और आपके जैसे बहुत से विधायक मैंने देखे है." इसके बाद वो उन्हें झिड़कते हुए बाहर चले गए. 

इस दौरान विधायक ने कहा कि लगता है कि आप समाजवादी पार्टी की मानसिकता के हैं तब डॉक्टर ने कहा कि मेरे नाम के आगे यादव लगा है इसलिए आप कह सकते हैं लेकिन, मैं काम अपने हिसाब से करूंगा आपके हिसाब से नहीं.

विधायक ने आरोप लगाया कि जब वह स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तब डॉक्टर पैर पर पैर चढाकर बैठे थे और मुंह में गुटखा भरे थे. बोलते समय कई बार गुटके की पीक भी उनके कपड़े पर गिरा. लेकिन, उन्होंने नजर अंदाज किया और अस्पताल के बारे में ही सवाल किया. 

बेदीराम ने कहा कि अस्पताल परिसर के कई शौचालय बंद थे और जो खुले थे वह देखने लायक नहीं थे. मरीजों के बेड पर बिछाई गई चादर काफी गंदी थी जिस पर खून के छीटे भी पड़े हुए थे. अस्पताल की किचन बंद थी. चूल्हे पर मिट्टी की मोटी परत पड़ी थी और गैस सिलेंडर खाली था. जिससे अस्पताल की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है.  

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