UP News: गाजीपुर में हरियाली लाने और पर्यावरण को अनुकूल बनाने के लिए शासन की तरफ से वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. कार्यक्रम पर करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाया जा रहा है. बावजूद इसके शासन की मंशा के अनुसार कहीं भी हरियाली नहीं दिख रही है. सवाल उठानेवाले वन विभाग की कार्यशैली को जिम्मेदार ठहराते हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो से वन विभाग की हकीकत खुलकर सामने आ गई. सादात इलाके के ग्राम पहला टोला में वन विभाग की टीम ने दो दिन पहले पौधे लगाए. कार्यक्रम की फोटोग्राफी भी कराई गई.


वन विभाग का फर्जी वृक्षारोपण कार्यक्रम


हकीकत का पता चलने पर ग्रामीणों के पैरों तले खी जमीन खिसक गई. दरअसल वन विभाग की टीम ने डाल से टहनी को काटकर फोटोग्राफी के लिए जमीन में लगा दिया था. मामला उजागर होने के बाद ग्रामीण जिलाधिकारी के पास पहुंचे. उन्होंने आवेदन देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. स्थानीय लोगों ने बताया कि चौमुख नाथ मंदिर के पास ज्ञान योग आश्रम है. दो दिन पूर्व वन विभाग के नंदगंज रेंज की तरफ से वृक्षारोपण अभियान के तहत पौधे लगाए गए थे.


ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को सौंपा सबूत


उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण सिर्फ दिखावे के लिए था. पौधे की जगह टहनियों से डाल काटकर जमीन में लगा दिए गए. वन विभाग ने बकायादा वृक्षारोपण कार्यक्रम की फोटोग्राफी कराकर वाहवाही लूट ली. खानापूर्ति का पता चलने पर वीडियो रिकॉर्डिंग की गई. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी किया गया. अब जिलाधिकारी को आवेदन देकर हस्तक्षेप की मांग की गई है. वीडियो देखने से पता चल जाता है कि वन विभाग फर्जी तरीके से वृक्षारोपण करने का काम कर रहा है. ज्ञान योग आश्रम के महंत ने बताया कि दो दिन पूर्व वन विभाग के पदाधिकारी आए थे. उन्होंने वाहवाही लूटने के लिए फर्जी वृक्षारोपण कर दिया. डीएफओ प्रदीप कुमार ने बताया कि वीडियो संज्ञान में आया है. उन्होंने भी वीडियो के आधार पर वृक्षारोपण को गलत बताया है. डीएफओ ने कहा कि जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करेंगे. 


Pratapgarh: गैंगस्टर को घर में सारस पालने का शौक, अवैध संपत्ति खंगालने पहुंची पुलिस ने किया बरामद