सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट भुगतान को समय पर सुनिश्चित करने के शासनादेश के बावजूद भ्रष्टाचार का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है. गाजीपुर के जिला अधिकारी कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक अभिनव कुमार सिंह को शुक्रवार को वाराणसी की एंटी करप्शन टीम ने 20,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया.
यह कार्रवाई रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी प्रेमाशंकर सिंह की शिकायत पर हुई, जिनके सामान्य भविष्य निधि (GPF) भुगतान को रिश्वत के लिए लटकाया जा रहा था. दरअसल बीती 30 जून को डीएम कार्यालय से प्रशासनिक अधिकारी के पद से रिटायर हुए प्रेमाशंकर सिंह ने बताया कि उन्होंने 30 मई से ही अपने जीपीएफ और अन्य रिटायरमेंट भुगतानों के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे.
शासन के निर्देश के अनुसार रिटायरमेंट के दिन तक सभी भुगतान पूरे होने चाहिए, लेकिन उनके जीपीएफ का भुगतान नहीं हुआ. वेतन लिपिक अभिनव कुमार सिंह ने उनके जीपीएफ को पास करने के लिए 50,000 रुपये की रिश्वत मांगी. प्रेमाशंकर ने बताया कि उनकी पत्नी जोकि 30 जुलाई को स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले चुकी हैं, उनके 2021-22 के बोनस भुगतान को भी अभिनव ने रोक रखा था.
प्रेमाशंकर सिंह बोले मैं और मेरी पत्नी अपने रिटायरमेंट भुगतान के लिए बार-बार कार्यालय के चक्कर काट रहे थे. अभिनव ने 50,000 रुपये की मांग की. थक-हारकर मैंने एंटी करप्शन टीम से मदद मांगी, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई.
एंटी करप्शन की कार्रवाई
प्रेमाशंकर की शिकायत पर वाराणसी की एंटी करप्शन यूनिट ने जाल बिछाया. शुक्रवार 18 जुलाई को डीएम कार्यालय के सचिवालय में अभिनव कुमार सिंह को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया. इसके बाद उसे गाजीपुर कोतवाली ले जाया गया, जहां भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. एंटी करप्शन टीम ने आवश्यक कार्रवाई पूरी करने के बाद अभिनव को अपनी हिरासत में ले लिया है.
अभिनव कुमार सिंह डीएम कार्यालय के सचिवालय में कई पटल संभालता था, जिनमें वेतन और भुगतान से संबंधित पटल भी शामिल था. कार्यालय के सभी कर्मचारियों के वेतन और रिटायरमेंट भुगतान उसके पटल से होकर गुजरते थे.जिस करण वह रिश्वत की मांग कर रहा था.
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस मामले में अपर जिलाधिकारी (सीआरओ) आयुष चौधरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत यह कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि डीएम कार्यालय में रिटायरमेंट भुगतानों में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अभिनव के खिलाफ जांच जारी है, और यह पता लगाया जा रहा है कि उसने और कितने कर्मचारियों से रिश्वत की मांग की.